अपडेटेड 10 October 2024 at 17:07 IST
टैंगो-टीटो के लिए रतन टाटा ने लंदन का प्रोग्राम किया था रद्द, प्रिंस चार्ल्स ने तारीफ में पढ़े कसीदे
रतन टाटा को कुत्तों से बहुत प्यार था। सोशल मीडिया पर कई बार कुत्तों के साथ उनके फोटो भी वायरल हुए हैं। भारत में रतन टाटा का निधन को एक युग का अंत है।
Ratan Tata And His Dog: उद्योग जगत में सम्मानित और अपने परोपकार के लिए मशहूर रतन टाटा का बुधवार देर रात मुंबई के ब्रीज कैंडी अस्पताल में निधन हो गया, वह 86 साल के थे। उद्योगपति रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने के लिए राजनेताओं, उद्योग जगत और फिल्म जगत की जानी-मानी हस्तियों सहित अलग-अलग क्षेत्रों के हजारों लोग गुरुवार को दक्षिण मुंबई स्थित राष्ट्रीय प्रदर्शन कला केंद्र (NCPA) में एकत्र हुए।
रतन टाटा के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए तिरंगे से लिपटे हुए एक ताबूत में रखा गया था। रतन टाटा की पहचान उद्योग जगत के शीर्ष व्यक्ति से कहीं अधिक थी। रतन टाटा का जाना देश के लिए एक बड़ी क्षति है। हालांकि, देश कभी उन्हें भूलेगा नहीं। उन्होंने देश के लिए एक से बड़कर एक काम किए। टाटा ग्रुप को ऊचांईयों पर पहुंचाने में रतन टाटा की सबसे बड़ी भूमिका रही। भारत में रतन टाटा का निधन को एक युग का अंत है।
प्रिंस चार्ल्स देना चाहते लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
रतन टाटा को कुत्तों से बहुत प्यार था। सोशल मीडिया पर कई बार कुत्तों के साथ उनके फोटो भी वायरल हुए हैं। रतन टाटा एक सादगी पसंद शख्स थे। उनके पशु प्रेम की पराकाष्ठा यह थी कि इंग्लैंड के प्रिंस चार्ल्स उन्हें बकिंघम पैलेस बुलाकर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड देना चाहते थे। रतन टाटा ने प्रिंस चार्ल्स का न्योता स्वीकार भी कर दिया था। बकिंघम पैलेस में सब तैयारियां हो गई थीं। इसी बीच उनका पालतू कुत्ता बीमार पड़ गया और रतन टाटा ने बकिंघम पैलेस जाने से मना कर दिया।
टैंगो-टीटो के लिए रद्द किया प्रोग्राम
यह किस्सा बिजनेसमैन कॉलमनिस्ट और एक्टर सुहेल सेठ ने एक इंटरव्यू में बताया था। दरअसल, इंग्लैंड के राजा प्रिंस चार्ल्स रतन टाटा को पशु प्रेम के लिए सम्मानित करना चाहते थे। साल 2018 में प्रिंस चार्ल्स III ने लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड देने के लिए उन्हें बंकिंघम पैलेस हुआ था। सुहेल सेठ ने बताया कि यह इवेंट 6 फरवरी को होना था और वो 2 या 3 फरवरी को ही लंदन पहुंच गए थे। जब वो लंदन एयपोर्ट पहुंचे तो रतन टाटा की उनकी नंबर पर 11 मिस कॉल थी।
सुहेल सेठ ने बताया कि इतनी मिस कॉल देखकर उन्होंने तुरंत रतन टाटा को फोन लगाया और रतन टाटा ने बताया कि वो इस अवॉर्ड को लेने बकिंघम पैलेस नहीं आ सकते। जब सुहेल सेठ ने उनका इसका कारण पहुंचा तो उन्होंने बताया कि उनके पालतू कुत्ते टैंगो और टीटो में से कोई एक बहुत बीमार है और अपने बीमार कुत्ते को अकेला नहीं छोड़ सकते।
प्रिंस चार्ल्स ने तारीफ में पढ़े कसीदे
प्रिंस चार्ल्स ने रतन टाटा के लिए पूरा इवेंट रखा था, लेकिन वो टैंगो और टीटो के लिए उसमें शामिल नहीं हुए। जब इस बात का पता प्रिंस चार्ल्स को लगा, तो वो रतन टाटा के मुरीद हो गए। उन्होंने टाटा की तारीफ करते हुए कहा कि 'इंसान ऐसा ही होना चाहिए, रतन टाटा कमाल के इंसान हैं। ये ही वजह है कि आज टाटा समूह इस मुकाम पर है।'
रतन टाटा को कुत्तों से बहुत प्यार था : राज ठाकरे
राज ठाकरे ने रतन टाटा को याद करते हुए कहा कि उन्हें कुत्तों से बहुत प्रेम था। उन्होंने कहा कि 'टाटा के सभी परिसरों में आवारा कुत्तों के आने-जाने पर कोई रोक-टोक नहीं थी। चाहे वह ताज महल होटल हो या ग्रुप का मुख्यालय। कुत्तों के प्रति उनके प्रेम को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।' राज ठाकरे ने उनके साथ अपनी पुरानी फोटो भी शेयर की है।
रतन टाटा को मिले सम्मान
रतन टाटा 1962 में टाटा संस में शामिल हुए थे और 1990 से 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे। उन्हें 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा 2009 में ऑनररी नाइट कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर और 2012 इंटरनेशनल हेरिटेज फाउंडेशन का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 10 October 2024 at 17:07 IST