अपडेटेड 22 August 2025 at 22:12 IST

ऑनलाइन गेमिंग बिल पर राष्ट्रपति की मुहर, बन गया नया कानून; अब जेल और एक करोड़ तक जुर्माने का प्रावधान

Online Gaming Act 2025: संसद द्वारा 21 अगस्त 2025 को पारित The Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025, नागरिकों को ऑनलाइन मनी गेम्स के खतरे से बचाने के साथ-साथ अन्य प्रकार के ऑनलाइन गेम्स को बढ़ावा देने और रेगुलेट करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम है।

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Online Gaming Act | Image: Republic/The President of India/X

Online Gaming Act 2025: संसद के लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद अब ऑनलाइन गेमिंग बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की भी मंजूरी मिल गई है। प्रेसिडेंट से मंजूरी मिलने के बाद अब यह एक नया कानून बन गया है। यह Online Gaming Bill से अब Online Gaming Act बन गया है।

संसद द्वारा 21 अगस्त 2025 को पारित The Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025, नागरिकों को ऑनलाइन मनी गेम्स के खतरे से बचाने के साथ-साथ अन्य प्रकार के ऑनलाइन गेम्स को बढ़ावा देने और रेगुलेट करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह कानून त्वरित धन कमाने के भ्रामक वादों पर फलने-फूलने वाले शिकारी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स की लत, वित्तीय बर्बादी और सामाजिक संकट को रोकने के लिए बनाया गया है। यह डिजिटल अर्थव्यवस्था को सुरक्षित और रचनात्मक विकास की ओर ले जाते हुए परिवारों की सुरक्षा के सरकार के संकल्प को दर्शाता है। अब यह बिल देश में कानून बन गया है। आइए इस कानून के बारे में जानते हैं, जिसमें जेल, जुर्माना और अन्य प्रावधान हैं… 

कानून की आवश्यकता क्यों पड़ी?

ऑनलाइन मनी गेम्स के तेजी से बढ़ते फैलाव व लत ने व्यक्तियों, परिवारों और राष्ट्र के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर दिए हैं। जहां डिजिटल तकनीक ने कई लाभ पहुंचाए हैं, वहीं इन खेलों ने कानूनी खामियों का फायदा उठाकर गहरा सामाजिक नुकसान पहुंचाया है। राज्यसभा में बोलते हुए, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि एक अनुमान के अनुसार, 45 करोड़ लोग ऑनलाइन मनी गेम्स से नकारात्मक रूप से प्रभावित हैं और इसके कारण उन्हें 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। सरकार ने इन कमियों को दूर करने और नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं।

लत और आर्थिक बर्बादी : ऑनलाइन पैसे वाले गेम जुनूनी जुआ खेलने को बढ़ावा देते हैं। कई खिलाड़ी तुरंत मुनाफे के चक्कर में अपनी सारी जमा-पूंजी गंवा देते हैं। परिवार कर्ज और संकट में फंस गए हैं।
मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्याएं : भारी आर्थिक नुकसान के तनाव के कारण अवसाद और यहां तक कि आत्महत्या के मामले भी बढ़े हैं। इस कानून का उद्देश्य इन शोषणकारी प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाकर ऐसी त्रासदियों को रोकना है।
धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग : कई प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग अवैध गतिविधियों के लिए किया गया है। मनी लॉन्ड्रिंग, जिसका अर्थ है अवैध कमाई को कानूनी माध्यमों से स्थानांतरित करके उसका स्रोत छिपाना, एक बड़ी चिंता का विषय रहा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा : जांच से पता चला है कि कुछ गेमिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण और अवैध संदेश भेजने के लिए किया जा रहा था, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा है।

Online Gaming Act: जुर्माने और सजा का प्रावधान

  1. पैसे से जुड़े सभी ऑनलाइन गेम अब कानूनी रूप से भारत में प्रतिबंधित हो गए हैं। इन खेलों को खिलाना अब कानून अपराध होगा। इस प्रकार के गेम को चलाने वाले को तीन साल तक की सजा हो सकती है। वहीं, एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान है।
  2. ऐसे खेलों का विज्ञापन देने वाली कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। विज्ञापन देने पर उन्हें (जिम्मेदार) 2 साल तक की सजा और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। 
  3. इस खेल में पैसे के लेन-देन करने पर तीन साल तक की जेल हो सकती है वहीं, 50 लाख रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है। 
  4. इस खेल में बार-बार अपराध करने पर पांच साल तक की जेल और 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। 

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Published By : Amit Dubey

पब्लिश्ड 22 August 2025 at 21:54 IST