अपडेटेड 27 January 2025 at 16:12 IST
'15 मिनट नागा साधु को दे दो, अरमान ठंडे कर देंगे...', प्रयागराज धर्म संसद से देवकीनंदन ठाकुर ने ललकारा; सनातन बोर्ड पर चर्चा
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू बोर्ड नहीं, पाकिस्तान में हिंदू बोर्ड नहीं तो भारत में वक्फ बोर्ड क्या कर रहा है।
Dharma Sansad: महाकुंभ के बीच प्रयागराज में हिंदुओं की धर्म संसद लगी है, जहां से सनातन बोर्ड के गठन की मांग उठाई गई है। कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने धर्म संसद में सनातनियों का स्वागत किया और कहा कि सनातन बोर्ड का गठन हो, चारों शंकराचार्य और वैष्णव आचार्य तय करेंगे कि ये कैसे गठित होगा। उन्होंने इस दौरान '15 मिनट' वाले बयान को लेकर पलटवार किया है।
सनातन बोर्ड की पैरवी करते हुए कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू बोर्ड नहीं और पाकिस्तान में हिंदू बोर्ड नहीं तो हिन्दुस्तान में वक्फ बोर्ड क्या कर रहा है। हिंदुओं को संदेश देते हुए देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि वक्फ बोर्ड कहता है कि प्रयागराज की कुंभ भूमि हमारी है। किसी दिन वक्फ बोर्ड कह देगा कि पूरा भारत हमारा है तब कहां जाओगे। उन्होंने कहा कि बहुत सह लिया और अब हिंदू हक लेकर रहेंगे।
देवकीनंदन ठाकुर ने वक्फ बोर्ड को चेतावनी दी
देवकीनंदन ठाकुर ने इस दौरान वक्फ बोर्ड को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि भारत को कब्जाने का षड्यंत्र वक्क बोर्ड की तरफ से हो रहा है। अभी सनातनी युग चल रहा है। अगर भारत में वक्क बोर्ड कायदे में रहेगा तो फायदे रहेगा। अगर कायदे में नहीं तो कोई फायदा नहीं। देवकीनंदन ठाकुर ने आह्वान करते हुए कहा कि हिंदू अगर आप घर बैठे रहोगे तो क्या होगा, हम फिर कहां जाएंगे। आज बता दो कि हम बटेंगे नहीं, कटेंगे नहीं। हम एक रहेंगे, हम सेफ रहेंगे।
15 मिनट को लेकर देवकीनंदन ठाकुर ने ललकारा
इस दौरान देवकीनंदन ठाकुर ने '15 मिनट' वाली बयानबाजी को लेकर भी पलटवार किया है। देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि पहले कुंभ की तैयारी उन्हें दे दी गई थी, जो हमें 15 मिनट का चैलेंज देते थे। 15 मिनट नागा साधु को दे दो, वो 15 मिनट में अमृत प्रदान कर देंगे। उनके अरमान 15 मिनट में ठंडे कर देंगे। देवकीनंदन ठाकुर ने ललकारते हुए ये भी कहा कि राम मंदिर तो टाइटल बिट झांकी है और मथुरा का पूरा फंक्शन बाकी है। काशी में महादेव का डमरू अभी बनना बाकी है, पूरी काशी हमारी होना बाकी है। उन्होंने कहा कि तुम तोड़े क्यों थे, तभी हमें खोदने पड़ते हैं।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 27 January 2025 at 15:31 IST