अपडेटेड 21 March 2025 at 16:21 IST
संसद में कश्मीर मुद्दे पर खूब बरसे अमित शाह, बताया-मोदी राज में भारत कैसे अमेरिका-इजरायल की पंक्ति में हो गया खड़ा
राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि हमने पाकिस्तान में घुसकर पुलवामा और उरी हमलों का बदला लिया। पहले आंतकी हमलों पर बोलने की किसकी हिम्मत नहीं होती थी।
Amit Shah in Rajya Sabha : संसद के चालू बजट सत्र के दूसरे चरण में शुक्रवार का दिन हंगामेदार रहा। गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में नक्सलवाद, कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं, धारा 370 और नौकरियों को लेकर जवाब दिया। अमित शाह ने कहा कि 370 हटने के बाद आतंकवादी घटनाओं पर नकेल लगी है। 12 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश हुआ है और 40 हजार सरकारी नौकरियां दी गई है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की नीति आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की रही है।
अपनी बात शुरू करते हुए अमित शाह ने कहा कि हमारा देश अपने सैनिकों के बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। एक देश में दो निशान, दो प्रधान और दो विधान नहीं होंगे। देश में एक ही प्रधानमंत्री हो सकता है, एक ही विधान और देश का झंडा भी एक ही हो सकता है।
पाकिस्तान को सबक सिखाया- अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि पहले कोई भी सरकार कश्मीर में आतंकवाद के बारे में बात नहीं करना चाहती थी। पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद, हमने आतंकवाद के प्रति कोई सहिष्णुता नहीं अपनाई। पीएम मोदी ने आतंकवाद और सैन्य मुद्दों पर काम किया। आज ये (विपक्ष) कहते है क्या परिवर्तन आया? पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाया।
'पाकिस्तान को घर में घुसकर मारा'
कश्मीर में आंतकी हमलों का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा- "हमारे आने के बाद भी हमले हुए, उरी पर हुआ पुलवामा पर हुआ। पहले हमले होते थे कुछ नहीं होता था, कोई कुछ बोलता नहीं था, जवाब नहीं दिए जाते थे। नरेंद्र मोदी के आने के बाद उरी और पुलवामा में हमला हुआ। 10 ही दिन में पाकिस्तान के घर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक से जवाब दिया। पूरी दुनिया में दो ही देश ऐसे थे। जो अपनी सीमा और सेना के लिए आगे रहे। उन दो देशों की सूची में भारत का नाम जोड़ने का काम नरेंद्र मोदी ने किया।"
'तीन नासूर थे...'
राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि हमने पुलवामा और उरी हमले का बदला लिया। हमने शांति के लिए सुधार किए, राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा- ये तीन नासूर थे... जम्मू कश्मीर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और उत्तर पूर्व का उग्रवाद। इन समस्याओं के कारण चार दशक में देश के करीब 92 हजार नागरिक मारे गए। इसके बावजूद इन समस्याओं के संपूर्ण उन्मूलन के लिए एक सुनियोजित प्रयास कभी नहीं हुआ था। जो नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद हुआ।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 21 March 2025 at 16:21 IST