अपडेटेड 3 April 2025 at 16:31 IST

Waqf Bill: 'कोर्ट में रिव्यू कर सकते हैं...', कांग्रेस सांसद के बोलने पर संसद में बवाल, अमित शाह को क्यों करना पड़ा हस्तक्षेप

वक्फ बिल को लेकर संसद में बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस सांसद ने कुछ ऐसा कहा जिसके बाद अमित शाह को बीच में हस्तक्षेप करना पड़ा।

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BJP सांसद के बयान पर अमित शाह ने दिया जवाब | Image: Sansad TV

वक्फ संशोधन बिल को लोकसभा में पास करने के बाद इसे राज्यसभा में पेश किया गया। राज्यसभा में बिल को लेकर दोनों पक्षों के बीच चर्चा जारी है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे लोकसभा में पेश किया। करीब 12 घंटे तक इसपर चर्चा हुई। चर्चा के बाद आखिरकार इसे लोकसभा में पास किया गया। इसके पक्ष में 288 वोट पड़े, जबकि 232 सासदों ने बिल का विरोध किया। वहीं राज्यसभा में चर्चा के दौरान कर्नाटक कांग्रेस सांसद डॉ सैयद नसीर हुसैन ने कुछ ऐसा कहा कि बवाल शुरू हो गया और फिर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को बीच में बोलना पड़ा।

कर्नाटक कांग्रेस सांसद डॉ सैयद नसीर हुसैन ने कहा, "ये कह रहे हैं कि वक्फ बोर्ड कोई भी जमीन को अपनी जमीन घोषित कर सकता है। क्या हिन्दुस्तान में कानून नहीं है?  कहीं पर भी हम तौलिया डाल दें और अपना बना लें? हम ट्रेनों में नमाज पढ़ते हैं, फ्लाइट्स में नमाज पढ़ते हैं, तो क्या नमाज पढ़ लिया तो क्या ट्रेन और फ्लाइट हमारी हो गई? वक्फ में हम उसे लिखवा दें? वक्फ को जो पावर मिला था, अगर बोर्ड के सामने कोई शिकायत आती है, तो उसकी जांच की जाती है। उसके लिए कड़े नियम हैं। मैं वक्फ बोर्ड का सदस्य 6 साल से हूं, 7वां पूरा कर रहा हूं। पूरी जांच होने के बाद सर्वे कमीश्नर सर्वे करता है, कलेक्टर उसे चेक करता है फिर राज्य की सरकार को जाता है। राज्य सरकार उसका वेरीफाई करती है। उसके बाद भी अगर कोई संतुष्ट नहीं है तो कोर्ट में जा सकता है। आज ये कह रहे हैं कि कोर्ट में रिव्यू नहीं कर सकते हैं। अरे बिल्कुल रिव्यू कर सकते हैं... रिव्यू नहीं करते तो कोर्ट में वक्फ के खिलाफ इतने मामले कैसे दर्ज होते?"

अमित शाह को क्यों करना पड़ा हस्तक्षेप?

इसपर अमित शाह ने कांग्रेस सांसद को बीच में रोकते हुए कहा, "शायद वो भूल से गलत जानकारी सदन के सामने रख रहे हैं। मैं थोड़ा सही करना चाहता हूं। जो विवाद है, वो इतना ही है कि अगर अधिकरण के फैसले से कोई असंतुष्ट है, तो ये भूमि का मामला है। इसपर सिविल सूट होना चाहिए। सिविल सूट में अधिकारों का बहुत बड़ा क्षेत्र है। इन्होंने इसपर अपील का प्रोविजन 2013 के कानून में रखा ही नहीं है, तो रीट के कार्यक्षेत्र में हाईकोर्ट के सामने जाता है। जिनकी भूमि है, उनका अधिकार जाता रहता है। ये गलत जानकारी फैला रहे हैं।"

कांग्रेस सांसद ने कहा कि एक देश एक कानून का जिक्र हमेशा ये लोग करते हैं, और हमेशा यही लोग इसका विरोध भी करते हैं। कांग्रेस की तरफ से कह रहा हूं कि देश में जितने समुदाय और धर्म हैं, उन तमाम धार्मिक केंद्रों उसके गवर्नेंस में एक तरीके का कानून होना चाहिए। आप क्यों घबरा रहे हैं उससे? सदन के पटल में मैं ये रखूंगा कि किस तरह से ये अलग-अलग समुदाय में भेदभाव कर रहे हैं। कैसे ये मुसलमानों के खिलाफ का विधान है। ये मैं दावे के साथ कहना चाहता हूं, मैं आपके सामने सबूत रखूंगा कि ये बिल्कुल लक्ष्ति विधान है।

उन्होंने कहा, "आप देश में ये संदेश देना चाहते हैं कि इस समुदाय को बिल्कुल सेकेंड ग्रेड का नागरिक बनाकर रखेंगे। आप जैसे कानून लेकर आ रहे हैं, वो धर्म पर आधारित है। ये पहला नहीं है। कल कोई सीएए और एनआरसी की बात कर रहा था। अमित शाह जी से जब सवाल पूछा था तो कहा था कि क्रोनोलॉजी से समझिए, इसके साथ सिर्फ सीएए नहीं है, इसके साथ एनआरसी और एनपीआर भी जुड़ेगा। अब कह रहे हैं कि हम किसी के धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं छीन रहे हैं। लेकिन धर्म के आधार पर आप नागरिकता रोक रहे हैं।"

अगर हम खोदना शुरू करेंगे तो इतिहास में पीछे...: डॉ सैयद नसीर हुसैन

उन्होंने आगे कहा कि 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के खिलाफ ये सुप्रीम कोर्ट चले जाते हैं। याचिका दायर करते हैं और मंदिरों के नीचे मस्जिद ढूंढ़ने का काम करते हैं। यहां शायद वो कहना चाह रहे थे कि मस्जिदों के नीचे मंदिर ढूंढ़ने लग जाएं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर हम खोदना शुरू कर देंगे, इतिहास में पीछे चले जाएं, तो किसके पीछे क्या मिलेगा किसको पता है? इतिहास को खोदना नहीं चाहिए। सारे देश आगे बढ़ रहे हैं और हम इतिहास में जाकर  खोदने का काम शुरू कर दिए हैं।

कांग्रेस नेता डॉ सैयद नसीर हुसैन ने केंद्रीय मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, "किरेन रिजिजू बता रहे थे कि वक्फ का मतलब क्या है। वक्फ का मतलब दान है। इनको शायद मालूम नहीं है कि प्रॉफेट मोहम्मद के समय में गैर मुसलमान भी दान करते थे। दान के लिए कोई रोक नहीं है। दान का कॉन्सेप्ट हर मजहब में है। हमारे यहां इसके लिए वक्फ है। अब ये बात फैलाई जा रही है कि क्यों सिर्फ मुसलमानों को वक्फ बोर्ड चाहिए। इस देश में हर मजहब के लिए अलग-अलग एक्ट बनाए गए, अलग-अलग टेंपल और ट्रस्ट बनाए गए। आज ये क्यों भ्रम फैला रहे हैं। ये कांग्रेस का बनाया गया ममाला नहीं है। आपने कहा कि वक्फ को रेगुलेट करने के लिए कई एक्ट्स आए थे। उसको आगे बढ़ाया गया, कई सुघार किए गए। कांग्रेस ने उसमें सुधार करने के लिए कई काम किया है।"

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 3 April 2025 at 16:21 IST