अपडेटेड 19 April 2025 at 12:19 IST

गुजरात का सेमीफाइनल और INDI गठबंधन का झगड़ा, एक और हार पक्की? लगातार तीसरा राज्य, जहां कांग्रेस ने साथी से नहीं मिलाया हाथ

गुजरात की दो विसावगर और कड़ी सीटों पर उपचुनाव होने हैं। कांग्रेस ने राज्य में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है, जहां INDI की सहयोगी AAP भी तैयारी में है।

Follow :  
×

Share


Rahul Gandhi-Arvind Kejriwal | Image: Facebook

Congress Vs AAP: 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले गुजरात में एक छोड़ी लड़ाई है। राज्य की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिसमें एक सीट विसावदर (जिला जूनागढ़) और कडी (जिला मेहसाणा) विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। चुनाव भले छोड़ा है, लेकिन इसका असर 2027 के चुनाव तक पड़ेगा। ऐसा इसलिए भी कि यहां दशकों से काबिज बीजेपी की ताकत का एहसास होगा और विपक्ष के लिए उसकी मजबूती की असलियत जानने का मौका होगा। खैर, उपचुनाव के पहले यहां INDI गठबंधन के भीतर रार जरूरी शुरू हो चुकी है, जो हालिया कुछ चुनावों की तरह विपक्ष को हराने का काम कर सकती है।

संभावनाएं थीं कि बीजेपी को यहां दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव में हराने के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी साथ आ सकती हैं। दरकिनार नहीं किया जा सकता है कि आम आदमी पार्टी ने गुजरात के विधानसभा चुनावों में अपनी ताकत दिखाई थी और उसे अच्छे खासे वोट भी मिले थे। कहा जाता है कि कांग्रेस की हार की बड़ी वजह गुजरात में आम आदमी पार्टी की बनीं। अब दो चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी फिर कांग्रेस के लिए चुनौती बन रही है। कांग्रेस यहां आम आदमी पार्टी से गठबंधन के मूड़ में नहीं है, लेकिन कोशिश इस बात की है कि AAP अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारे ही नहीं।

कांग्रेस ने गुजरात में AAP के साथ गठबंधन से इनकार किया

गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने शुक्रवार को घोषणा की कि पार्टी विसावदर और कादी विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में INDI गठबंधन में सहयोगी आम आदमी पार्टी के साथ भागीदारी किए बिना स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी। गोहिल ने स्पष्ट किया कि राज्य में पिछले चुनावी रुझानों का विश्लेषण करने के बाद सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि गुजरातियों ने कभी तीसरे मोर्चे के लिए वोट नहीं किया है। यहां या तो कांग्रेस है या बीजेपी है।

शक्तिसिंह गोहिल अपने बयान में कहते हैं- 'पिछले चुनावों के दौरान AAP ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की। AAP के सभी बड़े नेताओं ने पार्टी के लिए प्रचार किया, लेकिन फिर भी वो सिर्फ 10.5-11 प्रतिशत वोट ही हासिल कर पाए और चुनावों में कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचाया। बीजेपी को हराने के लिए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस है। हम AAP से आग्रह करते हैं कि वो (आगामी विसावदर और कडी उपचुनावों के लिए) अपने उम्मीदवार वापस ले लें। कांग्रेस पार्टी दोनों सीटों पर चुनाव लड़ेगी।' हालांकि गोहिल ने जोर देकर कहा कि दोनों दल राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन का हिस्सा बने रहेंगे।

लगातार तीसरे राज्य में AAP-कांग्रेस की लड़ाई

अहम ये है कि INDI गठबंधन के दल राष्ट्रीय स्तर पर साथ देने की बात करते हैं, लेकिन विधानसभा के चुनावों में ये पार्टियां एक दूसरे के सामने ही हथियार लेकर उतर जाती हैं और नतीजा ये कि दोनों ही पार्टियों को करारी शिकस्त मिलती है। इसके उदाहरण हालिया दिल्ली और उसके पहले के हरियाणा विधानसभा चुनाव हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच इन राज्यों में खींचतान रही। दोनों अपने घमंड में रहीं, जिससे परिणाम दोनों के विरोध में आए। अंदाजा लगा सकते हैं कि 27 साल के बाद दिल्ली में बीजेपी सरकार में आई है, जहां कांग्रेस और AAP एक दूसरे के खिलाफ लड़ने उतरी थीं।

गुजरात की 2 सीटों पर उपचुनाव की जरूरत क्यों?

AAP विधायक भूपेंद्र भयानी के इस्तीफा देने और बीजेपी में शामिल होने के बाद जूनागढ़ जिले की विसावदर सीट दिसंबर 2023 से खाली है। इस बीच अनुसूचित जाति (एससी) उम्मीदवारों के लिए आरक्षित मेहसाणा की कडी सीट 4 फरवरी को बीजेपी विधायक करसन सोलंकी के निधन के बाद खाली हुई। चुनाव आयोग ने अभी उपचुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन  राजनीतिक दल अपनी पूरी तैयारियां कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें: 'खानदानी चोर को चिमटे से छूना भी पसंद नहीं', गांधी परिवार पर बीजेपी बिफरी

Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 19 April 2025 at 12:19 IST