अपडेटेड 16 September 2021 at 10:00 IST
TMC सांसद अर्पिता घोष ने राज्यसभा से दिया इस्तीफा, पश्चिम बंगाल में पार्टी के लिए करना चाहती हैं काम
TMC सांसद अर्पिता घोष (Arpita Ghosh) को हाल ही में राज्यसभा भेजा गया था। अर्पिता घोष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (All India Trinamool Congress) सांसद अर्पिता घोष (Arpita Ghosh) ने राज्यसभा जाने के एक साल बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राज्यसभा (Rajya Sabha) बुलेटिन की एक अधिसूचना के अनुसार, उनका इस्तीफा सदन के अध्यक्ष वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) ने स्वीकार भी कर लिया है।
TMC के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (TMC national general secretary Abhishek Banerjee) को लिखे पत्र में घोष ने लिखा है कि वह पश्चिम बंगाल में पार्टी के लिए काम करना चाहती हैं। बता दें, घोष भी उन छह सांसदों में से एक हैं, जिन्हें हाल ही में संसद के मानसून सत्र (monsoon session of Parliament) के दौरान राज्यसभा में कथित रूप से हंगामा करने के लिए सभापति वेंकैया नायडू ने निलंबित कर दिया था।
अर्पिता घोष के उत्तर बंगाल में टीएमसी के लिए काम करने की उम्मीद
पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालुरघाट से टीएमसी नेता ने कहा कि इस्तीफा देने का उनका फैसला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में पार्टी के लिए काम करने की उनकी इच्छा के बाद आया है।
घोष का इस्तीफा भवानीपुर उपचुनाव से कुछ दिन पहले आया है। जहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) अपने पद को बनाए रखने के लिए चुनावी मैदान में हैं। इस साल की शुरुआत में विधानसभा चुनावों में बहुमत हासिल करने के बावजूद बनर्जी नंदीग्राम सीट से पूर्व सहयोगी सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) से हार गई हैं।
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घोष ने टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी को पत्र में लिखा, "2021 के चुनावों में हमारी भारी जीत के बाद मैं इस बारे में कुछ गंभीर विचार कर रही हूं कि मुझे अपनी पार्टी में कैसे भूमिका निभानी चाहिए। अगर मुझे पार्टी के लिए काम करने के लिए एक भूमिका दी जा सकती है तो मुझे और अधिक दिलचस्पी होगी। पश्चिम बंगाल राज्य, यहां तक कि संसद सदस्य के बिना भी मैं अपनी पार्टी के लिए काम करूगी।"
बता दें, अर्पिता घोष ने सुष्मिता देव के राज्यसभा में मनोनीत होने के कुछ दिनों बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया है। सुष्मिता देव कांग्रेस से टीएमसी में आई हैं। उन्हें पार्टी में शामिल होने के कुछ दिनों बाद ही पदोन्नत किया गया था। टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, पार्टी से घोष को संगठन में एक भूमिका देने की उम्मीद है।
मैं बंगाल के लोगों की सेवा करना चाहती हूं: अर्पिता घोष
"मेरा लक्ष्य स्पष्ट है। मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में बंगाल के लोगों की सेवा करना जारी रखना चाहती हूं। मुझे लगता है कि मैं राज्यसभा के सदस्य के रूप में इस्तीफा देकर और सीधे आकर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बेहतर स्थिति में रहूंगी और सीधे बंगाल में काम करती रहूंगी।"
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2019 के लोकसभा चुनाव में बालुरघाट से भाजपा के सुकांता मजूमदार से हारने के बाद घोष मार्च 2020 में टीएमसी उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा के लिए चुनी गई थी। इससे पहले, 2014 में वह उसी सीट से जीती थी। घोष एक थिएटर कलाकार हैं। वे राजनीति में अपना पहला कदम तब रखा जब वह 2006-2008 के दौरान नंदीग्राम और सिंगूर आंदोलन के दौरान टीएमसी की बौद्धिक ब्रिगेड का एक प्रमुख चेहरा बनी। राज्यसभा से पहले, घोष को दक्षिण दिनाजपुर के लिए टीएमसी का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
Published By : Munna Kumar
पब्लिश्ड 16 September 2021 at 09:52 IST