अपडेटेड 18 December 2024 at 16:36 IST

अंबेडकर पर घमासान! 'राजनैतिक रोटियां सेंकने की बजाय...', गृहमंत्री शाह की टिप्पणी पर भड़कीं मायावती

Mayawati on Amit Shah: गृहमंत्री अमित शाह ने आंबेडकर का हवाला देते हुए जो टिप्पणी की उसे लेकर बहुजन समाज पार्टी प्रमखु मायावती ने कड़ी नाराजगी जताई है।

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बसपा प्रमुख मायावती | Image: ANI

Mayawati on Amit Shah: गृहमंत्री अमित शाह ने आंबेडकर का हवाला देते हुए जो टिप्पणी की उसे लेकर बहुजन समाज पार्टी प्रमखु मायावती ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने शाह की टिप्पणी को बीजेपी की जातिवादी और दलित विरोधी मानसिकता का प्रदर्शन बताया।

दरअसल, अमित शाह मंगलवार, 17 दिसंबर को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान जवाब दे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कांग्रेस को आइना दिखाया और बाबा साहेब अंबेडकर के प्रति उनके विचारों का खुलासा किया था। शाह ने कहा था- 'अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर... इतना नाम अगर भगवान का लेते तो 7 जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।' हालांकि अब उनके भाषण के महज 14 सेकेंड का वीडियो लेकर बयान को मुद्दा बना लिया गया है। विपक्षी दलों के नेता आरोप लगा रहे हैं कि अमित शाह ने बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान किया है। फिलहालर मायावती ने अंबेडकर के प्रति शाह के दिए बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

'बाबा साहेब की आड़ में राजनैतिक रोटी…'

बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों को साथ में लपेटा है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस और भाजपा के लोगों को बाबा साहेब अंबेडकर की आड़ में अपनी राजनैतिक रोटी सेंकने की बजाय उनका पूरा आदर और सम्मान करना चाहिए। 

मायावती ने अपने ऑफिशियल एक्स पर सिलसिलेवार तरीके से पोस्ट कर कहा, 'कांग्रेस और भाजपा एवं कंपनी के लोगों को बाबा साहेब की आड़ में अपनी राजनैतिक रोटी सेंकने की बजाय, उनका पूरा आदर एवं सम्मान करना चाहिए। इन पार्टियों के लिए इनके जो भी भगवान हैं, उनसे पार्टी (बसपा) को कोई ऐतराज नहीं है।'

'सिर्फ अंबेडकर की वजह से दलितों को स्वर्ग मिला'

उन्होंने आगे कहा कि दलितों और अन्य उपेक्षितों के लिए एकमात्र भगवान केवल बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर हैं, जिनकी वजह से इन वर्गों को सात जन्मों तक का स्वर्ग मिल गया था, जब संविधान में उन्हें कानूनी अधिकार दिए गए थे।

मायावती कहती हैं कि अतः कांग्रेस और भाजपा आदि पार्टियों का दलित और अन्य उपेक्षितों के प्रति प्रेम विशुद्ध छलावा है। इनसे इन वर्गों का सही हित व कल्याण असंभव है। उन्होंने कहा कि इन दलों के कार्य दिखावटी ज्यादा और जनहितैषी कम हैं। बहुजन समाज और इनके महान संतों, गुरुओं और महापुरुषों को समुचित आदर-सम्मान बसपा सरकार में ही मिल पाया।

बता दें कि अमित शाह भारतीय संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर दो दिवसीय बहस के समापन पर राज्यसभा में उसका जवाब दे रहे थे। हालांकि अब उनके इस बयान पर विपक्ष हमलावर हो गया है और लगातार माफी की मांग कर रहा है।

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 18 December 2024 at 16:19 IST