अपडेटेड 14 July 2024 at 21:30 IST

'PM मोदी के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देते हैं राहुल गांधी', अमित मालवीय ने क्यों कहा ऐसा?

Donald Trump पर हुए हमले के बाद BJP ने राहुल गांधी पर निशाना साधा। अमित मालवीय ने कहा कि राहुल अक्सर पीएम के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देते हैं।

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अमित मालवीय और राहुल गांधी | Image: X

BJP Attack Rahul Gandhi: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की हत्या के प्रयास के बाद राहुल गांधी को निशाना बनाया और विपक्ष के नेता पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ हिंसा को प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया।

भाजपा के सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्रम्प पर हमले की गांधी द्वारा निंदा किए जाने के बाद 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि उनके शब्दों में गंभीरता का अभाव है।

अमित मालवीय का निशाना

उन्होंने कहा, "तीसरी बार फेल हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ हिंसा को अक्सर प्रोत्साहित किया है और उन्हें जायज ठहराया है। भारत कैसे भूल सकता है कि कांग्रेस के नेतृत्व में पंजाब पुलिस ने जानबूझकर प्रधानमंत्री की सुरक्षा से समझौता किया था, जब उनका काफिला एक फ्लाईओवर पर फंसा हुआ था।"

साझा किया पुराने बयान का वीडियो

मालवीय ने राहुल गांधी के पूर्व के कुछ बयानों को जोड़कर तैयार किए गए एक वीडियो को साझा करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने मोदी के खिलाफ 'तानाशाह' जैसी बयानबाजी की है और ट्रम्प के आलोचक डेमोक्रेट नेता और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी यही करते हैं।

हत्या के प्रयास के बाद ट्रम्प के कई समर्थकों ने आरोप लगाया है कि उनके प्रतिद्वंद्वियों द्वारा उन्हें (ट्रम्प को) बदनाम किए जाने से उनके खिलाफ नफरत का माहौल पैदा हो गया है।

मालवीय ने कहा कि ट्रम्प के आलोचकों ने तर्क दिया है कि लोकतंत्र (ट्रम्प की वजह से) खतरे में है। उन्होंने इसकी तुलना भारत के विपक्ष के मोदी के खिलाफ 'संविधान खतरे में है' को लेकर बनाए गए विमर्श से की। मालवीय ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र वैश्विक वाम दलों के हमले से बच गया और मोदी तीसरे कार्यकाल के लिए वापस आ गए।

उन्होंने कहा, "अमेरिका में नस्ल की तरह जाति को भारतीय समाज में दरार पैदा करने के लिए हथियार बनाया गया। विरोधियों को खलनायक की तरह पेश करना और उन्हें तानाशाह कहना भी संयोग नहीं है। वास्तव में, खतरनाक विचार वालों की टोली ने पहली बार लोकतांत्रिक रूप से चुने गए विश्व के शक्तिशाली नेताओं का वर्णन करने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया, जिन्हें वह नियंत्रित करने में विफल रहे (राजनीतिक रूप से)।"

उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी ने भारत के चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप की मांग की, लेकिन वह इसमें भी विफल रहे।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 14 July 2024 at 21:30 IST