अपडेटेड 11 February 2025 at 17:53 IST
मणिपुर में लागू हो सकता है राष्ट्रपति शासन, सूत्रों के हवाले से खबर- BJP नहीं उठाएगी सरकार बनाने के लिए कोई कदम
Manipur News: 12 फरवरी तक नए मुख्यमंत्री का चयन नहीं होने पर संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है।
Manipur political crisis: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ गई है। बीरेन सिंह फिलहाल कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी अगर 12 फरवरी तक नए सीएम का चयन नहीं कर पाती है और विधानसभा सत्र नहीं बुलाया जाता है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लग सकता है।
12 फरवरी तक नए मुख्यमंत्री का चयन नहीं होने पर संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है। अब सूत्रों के हवाले से खबर है कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होगा। सूत्रों के अनुसार बीजेपी सरकार बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाएगी।
9 फरवरी को दिया था इस्तीफा
एन बिरेन सिंह ने राज्यपाल से मिलकर रविवार (9 फरवरी) को मणिपुर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। 3 मई, 2023 को मैतेई और कुकी समुदायों में शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद से मणिपुर में नेतृत्व परिवर्तन की मांग लंबे समय से चल रही थी। राज्यपाल ने बिरेन सिंह के साथ-साथ उनकी मंत्रिपरिषद का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया। इस्तीफा देने से चंद घंटे पहले बिरेन सिंह ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद से BJP के शीर्ष नेता संबित पात्रा मणिपुर में डेरा डाले हुए हैं।
31 दिसंबर को जनता से मांगी थी माफी
भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में मई 2023 में जातीय हिंसा भड़कने के बाद 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हुए हैं। बीरेन सिंह ने 31 दिसंबर, 2023 को हिंसा के लिए जनता से माफी मांगी थी। उन्होंने 2024 को राज्य के लिए दुर्भाग्य से भरा बताया था। बीरेन सिंह ने कहा था कि "मणिपुर में जो कुछ हुआ उसके लिए मैं माफी मांगना चाहता हूं, कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया और कई लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा।"
मणिपुर विधानसभा का समीकरण
मणिपुर की विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 60 है। वैसे तो BJP के पास अच्छा खासा संख्याबल है और मैतई के साथ-साथ कुकी समुदाय के विधायक भी पास हैं। 2022 में बीजेपी के 32 विधायक जीतकर आए थे और बाद में जदयू के 5 विधायकों ने दामन थामा था, जिससे संख्याबल 37 पहुंचा। इसके अलावा बीजेपी को नगा पीपुल्स फ्रंट के 5 और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी मिला है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 11 February 2025 at 17:32 IST