अपडेटेड 21 March 2025 at 16:27 IST
'हमने थोड़ी हिम्मत तो की...', जम्मू कश्मीर पर अमित शाह ने छाती ठोककर दिया ऐसा जवाब, संसद में मेज थपथपाने लगे नेता
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू कश्मीर के आर्टिकल 370 हटने के बाद बदले हालातों की बात की। उन्होंने कश्मीर के विकास का लेखा-जोखा भी सामने रखा।
Amit Shah Rajya Sabha: अमित शाह ने भरे सदन में सीना ठोककर जम्मू कश्मीर पर विपक्ष को जवाब दिया है। संसद में देश की सीमाओं के साथ आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर चर्चा हुई, जहां विपक्ष के सदस्यों ने अपनी अपनी बात सदन के पटल पर रखी। राज्यसभा में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं की बात सुनने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया है। उन्होंने छाती ठोकर कांग्रेस को जम्मू कश्मीर का हिसाब भी दिया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर के आर्टिकल 370 हटने के बाद वहां बदले हालातों की बात की। उन्होंने सरकार के एक्शन से आतंकवाद और सीमापार से घुसपैठ की घटनाओं में आई कमी की उपलब्धि को सामने रखा। इसी दौरान अमित शाह ने जम्मू कश्मीर के विकास की बात की। उन्होंने कहा कि कई सालों से कश्मीर की तिजोरी खाली थी। 2015 में नरेंद्र मोदी ने 80 हजार करोड़ रुपये की 63 परियोजनाओं की शुरुआत की। अमित शाह ने आगे कहा कि कुछ लोग मेरे खर्च का हिसाब पूछ रहे थे। छाती ठोकते हुए अमित शाह ने कहा कि अरे भाई, थोड़ा कम हुआ होगा, हमने रखने की हिम्मत तो की, आपके (कांग्रेस) समय में तो खर्च का प्रोविजन ही नहीं था। अमित शाह की इस बात पर सदन में साथी सदस्यों ने जोर से मेज थपथपाई और पूरा समर्थन दिया।
शाह ने दिया जम्मू कश्मीर का हिसाब
राज्यसभा में अमित शाह ने आगे कहा कि जम्मू कश्मीर में 80 हजार करोड़ रुपये में से 51 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए है। 63 में से 53 परियोजनाएं क्रियान्वित हो चुकी हैं। गृह मंत्री शाह ने बताया कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से कश्मीर में पर्यटन में उछाल आया है। 2023 में रिकॉर्ड 2,11,80,011 पर्यटक जम्मू-कश्मीर आए, जो आजादी के बाद सबसे अधिक संख्या है। पर्यटन क्षेत्र में 250 करोड़ रुपये का निजी निवेश किया गया है और डल झील पर क्रूज सेवा शुरू की गई।
विपक्ष पर अमित शाह का बड़ा हमला
अमित शाह ने इस दौरान जम्मू कश्मीर की पुरानी स्थिति को लेकर विरोधियों पर हमला किया। कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि आपके (यूपीए) शासन में जम्मू कश्मीर में 33 साल से सिनेमाघर नहीं खुले थे, हमारे समय में खुले। ताजिया के जुलूस को अनुमति नहीं थी, हमारे समय में दी गई। जी-20 के दौरान दुनियाभर के डिप्लोमेट शांति से जम्मू कश्मीर गए और वहां का खाना, संस्कृति, खूबसूरती का आनंद उठाया। शाह ने कहा कि 10 साल पहले जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों का महिमामंडन होता था, जनाजों का जुलूस निकाला जाता था। उन्होंने कहा कि हमारे समय में भी आतंकवादी मारे गए, ज्यादा मारे गए, लेकिन किसी के जनाने का जुलूस नहीं निकाला गया। जो आतंकवादी जहां मारा जाता है, वहीं दफना दिया जाता है।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 21 March 2025 at 16:27 IST