अपडेटेड 17 July 2024 at 19:25 IST
असम में बढ़ती मुस्लिम आबादी पर CM हिमंता ने क्यों कहा- मेरे लिए जीने-मरने का सवाल? रिपब्लिक पर बताया
हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि असम, बंगाल, झारखंड और त्रिपुरा जैसे इन राज्यों में डेमोग्राफी तेजी से चेंज हो रही है। असम में मुस्लिम आबादी 40 प्रतिशत हो चुकी है।
CM Himanta Biswa Sarma: असम में मुस्लिम आबादी लगभग 40 प्रतिशत पहुंच गई है। इसका दावा करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने चिंता जताई है और यहां तक कह दिया है कि ये उनके लिए जिंदगी और मौत का सवाल है। सीएम हिमंता का दावा है कि असम समेत 4 राज्यों में तेजी से डेमोग्राफी बदल रही है। इन दावों से जुड़े रिपब्लिक के कुछ सवालों का भी हिमंता बिस्व सरमा ने जवाब दिया है।
उन्होंने कहा कि डेमोग्राफी बदलना मेरे लिए एक बड़ा मुद्दा है। आज हमने कई जिले खो दिए हैं।मेरे लिए ये कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, ये मेरे लिए जीवन और मृत्यु का मामला है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व शर्मा से रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने मुस्लिम आबादी से जुड़े सवाल पूछे।
सवाल: आपने कहा कि ये मेरे लिए जिंदगी और मौत का मामला है... ये क्यों कहा है?
मुख्यमंत्री हिमंता ने कहा कि असम, बंगाल, झारखंड और त्रिपुरा जैसे इन राज्यों में डेमोग्राफी बहुत तेजी से चेंज हो रही है। असम में आज मुस्लिम आबादी 40 प्रतिशत हो चुकी है। इनमें से 3 और 4 प्रतिशत होगा, जो असम का असली मुसलमान है। बाकी लगभग 36 प्रतिशत मुसलमान हैं, जो बांग्लादेश से यहां आए हुए हैं।
सवाल: क्या ये असम और सनातन संस्कृति के लिए कोई खतरा हैं?
उन्होंने कहा कि असम में हिंदू आबादी जितनी धीमी थी, आज भारत के 14 जिलों में हिंदू अल्पसंख्यक हो चुके हैं। हमारी जमीन के ऊपर दबाव बना हुआ है। मंदिर तक की जमीनों पर अतिक्रमण हो रहा है। आज लव जिहाद की संख्या हर दिन बढ़ रही है। आज हमारी सामाजिक सुरक्षा, सांस्कृतिक सुरक्षा के ऊपर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा है।
सवाल: ये राष्ट्रीय मुद्दा क्यों नहीं है?
हिमंता बिस्व सरमा ने जवाब दिया कि ये राष्ट्रीय मुद्दा होना चाहिए। ये मैं लगातार बोलता हूं। असम, बंगाल, झारखंड और त्रिपुरा में तेजी से डेमोग्राफी बदली है, अभी बंगाल से झारखंड और बिहार में उसका प्रभाव दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि आज ये हमारे हिंदू और भारत के जो असली मुसलमान हैं, उनके लिए बहुत बड़ा खतरा बना हुआ है। असम में ये बहुत बड़ा मुद्दा है। इसे अभी वोटबैंक बनाने की कोशिश हो रही है, जिससे ये और ज्यादा खतरे का विषय बन चुका है।
Published By : Amit Bajpayee
पब्लिश्ड 17 July 2024 at 17:11 IST