अपडेटेड 15 March 2025 at 14:20 IST
हिंदी का विरोध करते-करते 'रुपये' तक आ गई स्टालिन सरकार, ₹ सिंबल बदलकर चौतरफा घिरे; कैसे कर दिया तमिलनाडु का ही अपमान?
रुपया के ₹ सिंबल का असली कनेक्शन तमिलनाडु से है। तमिलनाडु के पूर्व DMK विधायक एन धर्मलिंगम के बेटे उदयकुमार ने ₹ सिंबल डिजाइन किया था।
Rupee Symbol Row: मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार ने तमिलनाडु में रुपये के प्रतीक को बदलकर देश में नए विवाद को खड़ा किया, लेकिन क्या इसमें राज्य का ही अपमान हुआ है? सवाल इसलिए है कि रुपये के राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह ₹ का कनेक्शन ना सिर्फ तमिलनाडु से रहा है, बल्कि एमके स्टालिन की पार्टी से भी है। हालांकि इन चीजों को दरकिनार कर केंद्र सरकार से उलझने की कोशिश में एमके स्टालिन रुपया का चिन्ह ही बदल चुके हैं।
तमिलनाडु देश का ऐसा पहला राज्य फिलहाल है, जिसने राष्ट्रीय मुद्रा के प्रतीक को अपनाने से मना किया है। तमिलनाडु सरकार ने अपने हालिया बजट में ₹ सिंबल की जगह 'ரூ' सिंबल में बदला। ऐसे तमिलनाडु में हिंदी भाषा विरोध का असर माना गया, क्योंकि केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकार में कई दिन पहले से हिंदी भाषा को लेकर खींचतान रही है। फिलहाल ₹ सिंबल बदलने पर दूसरे पक्ष इसे तमिलनाडु का भी अपमान बताते हैं।
क्या वाकई एमके स्टालिन ने तमिलनाडु का अपमान किया?
₹ सिंबल का असली कनेक्शन तमिलनाडु से है। तमिलनाडु के पूर्व DMK विधायक एन धर्मलिंगम के बेटे उदयकुमार ने ₹ सिंबल डिजाइन किया था। ऐसे में ₹ सिंबल को बदलकर एमके स्टालिन खुद घिर गए हैं।
विश्व हिंदू परिषद क नेता विनोद बंसल कहते हैं- 'हिंदू और हिंदी विरोध करते करते लोग कैसे देश विरोधी हो जाते हैं और अपने राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान पर उतर आते हैं, इसका सटीक उदाहरण तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन लगते हैं। उन्हें कोई बताए कि अपने बजट प्रिंट से उन्होंने जिस ₹ चिन्ह को हटाया, उसे तमिलनाडु के ही पूर्व DMK विधायक एन. धर्मलिंगम के बेटे उदयकुमार ने डिजाइन किया। उनको तो उस पर गर्व होना चाहिए था और राज्य की इस युवा प्रतिभा का सम्मान करना चाहिए था।' विनोद बंसल आगे कहते हैं- ‘क्या वो (स्टालिन) ऐसा करके अपने ही राज्य की प्रतिभा का अपमान नहीं कर रहे। उनके पिता करुणानिधि ने भी इस चिन्ह को सराहा था तो क्या यह उनके पिता का भी असम्मान नहीं?’
हिंदी और तमिल भाषा विवाद क्या है?
हिंदी और तमिल भाषा विवाद कहें या केंद्र और तमिलनाडु सरकार विवाद... क्योंकि यहां असली लड़ाई इसी की है। इसे ऐसे समझिए कि केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति लगाई, जिसमें बच्चों के लिए 3 भाषाओं में पढ़ाई अनिवार्य की गई। स्थानीय भाषा के अलावा दो राष्ट्रीय स्तर की भाषाओं को भी शामिल करने का नियम आया। हालांकि इस नई शिक्षा नीति को तमिलनाडु सरकार ने हिंदी थोपने की कोशिश के रूप में लिया और यहीं से पूरा विवाद शुरू हुआ। नतीजन हिंदी विरोध में और तमिल को प्राथमिकता देते हुए ही एमके स्टालिन सरकार ने रुपये का सिंबल बदल दिया।
कैसे केंद्र और तमिलनाडु सरकार में विवाद बढ़ा?
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 15 March 2025 at 14:20 IST