अपडेटेड 23 March 2025 at 19:21 IST

'ऐसी महान शख्सियत का चीरहरण करेंगे तो...', क्रूर शासक औरंगजेब की तारीफ में क्या बोल गए मौलाना साजिद रशीदी? सियासी घमासान तय

साजिद रशीदी के इस बयान ने एक बार फिर से देश में औरंगजेब पर ठंडी हो रही सियासत में चिंगारी फूंक कर आग में घी डालने का काम कर दिया है।

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'ऐसी महान शख्सियत का चीरहरण करेंगे तो...', क्रूर शासक औरंगजेब की तारीफ में क्या बोल गए मौलाना साजिद रशीदी? सियासी घमासान तय | Image: ANI

Maulana Sajid Rashidi Praised Aurangzeb: औरंगजेब को लेकर देश में सियासत थमने का नाम ही नहीं ले रही है। 3 मार्च सोमवार के दिन महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ कर उसे महान शासक बताया था। इसके बाद से पूरे देश में औरंगजेब की तारीफ को लेकर अबू आजमी की निंदा हुई, महाराष्ट्र में दो जगहों पर एफआईआर दर्ज हुई। महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबन हुआ और इसके बाद अबू आजमी ने अपने बयान पर माफी मांगी और बैकफुट पर चले गए। अब ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने मुगल अक्रांता को लेकर एक बार फिर उसकी तारीफ कर दी है। साजिद रशीदी के इस बयान ने एक बार फिर से देश में औरंगजेब पर ठंडी हो रही सियासत में चिंगारी फूंक कर आग में घी डालने का काम कर दिया है।


ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी क्रूर शासक औरंगजेब की तारीफ करते हुए कहा, 'औरंगजेब को लेकर देश में हो रहा विवाद राजनीतिक है ये इतिहास की अज्ञानता है जिनको इतिहास की जानकारी नहीं है वो औरंगजेब की छवि को क्रूर शासक के तौर पर पेश कर रहे हैं। औरंगजेब महान शख्सियत था उसने कई मंदिरों को रख-रखाव के लिए सोना दान किया था, मंदिरों के लिए जमीनें दान कीं और कई मंदिरों को तो उसने खुद बनवाया था। भारत से लोधी वंश को खत्म करने के लिए बाबर को भारत में आक्रमण करने के लिए राणा सांगा ही लाए थे। जो लोग कहते हैं जयचंद की औलाद, लोगों ने राणा सांगा को ही जयचंद कहना शुरू किया था।


क्रूर शासक औरंगजेब की तारीफ में क्या बोले मौलाना?

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने क्रूर शासक औरंगजेब की तारीफ करते हुए कहा, 'औरंगजेब को लेकर जो इन दिनों विवाद चल रहा है वो राजनीतिक है। जिन लोगों को इतिहास की सही जानकारी नहीं है वो लोग ही औरंगजेब के क्रूर शासक होने की छवि गढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसी महान शख्सियत (औरंगजेब) का आप चीर हरण करेंगे तो इतिहास आपको कभी माफ नहीं करेगा। आप मराठों का प्रतीक शिवाजी को मानते हैं। शिवाजी ने भी कई मराठा रजवाड़ों को मारकर उनकी सल्तनत छीन ली थी और इसके बाद अपना वर्चस्व बढ़ाया था। शिवाजी महाराज की बहुत ज्यादा उपलब्धियां नहीं हैं, जो आज उनको इतना बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है। वो साधारण राजा थे। शिवाजी को औरंगजेब ने नहीं बल्कि जय सिंह और मान सिंह ने मारा था।'


औरंगजेब पूरे देश में मचा है सियासी घमासान

3 मार्च को अबू आजमी के औरंगजेब को महान शासक बताकर तारीफ करने के बाद पूरे देश में औरंगजेब को लेकर सियासी घमासान मच गया था। सबसे पहले महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने औरंगजेब की तारीफ को शंभाजी का अपमान बताया और इसे पाप मानते हुए सपा नेता को देशद्रोही बताया। वहीं बीजेपी नेता नवनीत राणा ने अबू आजमी का नाम लिए बिना कहा, 'कल एक विधायक ने महाराष्ट्र में एक स्टेटमेंट दिया कि औरंगजेब ने राजा होते हुए बहुत अच्छा प्रशासन चलाया था। तुम्हारे बाप ने... शो काल्ड बाप औरंगजेब, जिसने हमारे शंभा जी महाराज पर इतना अत्याचार किया था।' वहीं इसके बाद अयोध्या तपस्वी छावनी के जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने अबू आजमी की जीभ काटने तक का फरमान जारी कर दिया है। उन्होंने अबू आजमी की जीभ काटने पर 25 करोड़ का ईनाम भी घोषित कर दिया था। शिवसेना यूबीटी के नेता आनंद दुबे ने कहा, 'औरंगजेब आततायी था, डाकू था, लुटेरा था और चोर उचक्का था। जो लोग औरंगजेब का महिमामंडन कर रहे हैं न उन्हें शर्म आनी चाहिए। अरे औरंगिया कब से बहुत बड़ा राजा बन गया? उसको राजा कहकर कम से कम राजाओं का अपमान तो मत कीजिए। राजा हुआ करते थे छत्रपति शिवाजी महाराज, राजा हमारे हैं छत्रपति शंभाजी महाराज, राजा राम और कहां ये औरंगिया।'


सियासी घमासान के बाद बैकफुट पर आए थे अबू आजमी, मांग ली थी माफी

औरंगजेब की तारीफ करने के बाद जब अबू आजमी चौतरफा सियासी बयानबाजी में घिर गए तो उन्होंने अपने बयान पर माफी मांग ली और दिए गये बयान से अपने शब्द वापस लेते हुए सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो जारी किया। इस वीडियो में अबू आजमी ये कहते हुए नजर आ रहे थे कि मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरुषों के बारे में कोई अपमानजनक टिपण्णी नहीं की है। फिर भी अगर मेरी इस बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द, अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं। इस बात को राजनितिक मुद्दा बनाया जा रहा है, और इसकी वजह से महाराष्ट्र  विधानसभा के बजट सत्र को बंद करना मैं समझता हूं की यह महाराष्ट्र की जनता का नुकसान करना है। सदन जनता के लिए चलना चाहिए।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 23 March 2025 at 19:21 IST