अपडेटेड 27 September 2024 at 18:20 IST
JPC को मिली करोड़ों राय, चीन-ISI की साजिश बताने पर मौलाना रशीदी को लगी मिर्ची, कहा-इन्हें बगैर पाक..
मौलाना साजिद रशीदी ने आगे कहा, 'जेपीसी को भेजने के बाद अब उस राय पर निशिकांत दुबे ने सवाल उठाने शुरू कर दिए।'
गुरुवार (26 सितंबर) को जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में वक्फ बोर्ड को लेकर गठित संयुक्त संसदीय समिति में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने 1.30 करोड़ फीडबैक पत्रों के मुद्दे को मीटिंग में उठाया। JPC की इस बैठक में निशिकांत दुबे ने विदेशी साजिश का भी मुद्दा उठाया था। अब इस पर मौलाना साजिद रशीदी ने पलटवार किया है और कहा है कि आखिर ये नहीं पता चल पा रहा है कि निशिकांत दुबे को एजेंसियों से पहले इनपुट कैसे मिल गए? इस बात की तो जांच होनी चाहिए
मौलाना साजिद रशीदी ने इस मामले पर निशिकांत दूबे पर पलटवार करते हुए कहा, 'वक्फ अमेंडमेंट बिल पेश हुआ और जेपीसी को भेज दिया गया। जेपीसी इस पर राय मांग रही है करीब साढ़े 5 करोड़ मुसलमानों ने इस पर अपनी राय दी है। मुसलमानों ने कहा कि ये बिल पास नहीं होना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण ये रहा कि जेपीसी के एक मेंबर और बीजेपी सरकार के सांसद निशिकांत दुबे ने उस राय को जो मुसलमानों ने दी है पाकिस्तान और चीन से उसे जोड़ दिया। सवाल ये है कि वो राय जिसे मुस्लिम पर्सनल बोर्ड लॉ ने एक लेटर ड्राफ्ट किया उस पर एक क्यू आर कोड जनरेट किया और तमाम मुसलमानों से एक अपील की कि इस क्यू आर कोड को स्कैन कीजिए और अपनी राय अपना नाम लिखकर जेपीसी को भेजिए।'
हिन्दुस्तान में मुसलमान और बगल में पाकिस्तान नहीं होता तो....
मौलाना साजिद रशीदी ने आगे कहा, 'जेपीसी को भेजने के बाद अब उस राय पर निशिकांत दुबे ने सवाल उठाने शुरू कर दिए। ये कंटेंट ऐसा है कि जैसे लग रहा हो कि ये पाकिस्तान की साजिश हो आईएसआई की साजिश हो या चीन इसमें शामिल हो। मुझे पता नहीं ऐसा क्यों लगता है कि इन लोगों को मुसलमान और पाकिस्तान के बिना रोटी हजम क्यों नहीं होती है? किसी ने सही कहा है कि अगर हिन्दुस्तान में मुसलमान और बगल में पाकिस्तान न होता तो बहुत सारे लोग, बहुत सारे नेता और बहुत सारे पत्रकार फुटपाथ पर बैठे हुए जूते बेचते नजर आते उनकी कोई औकात नहीं होती। मुसलमानों का सहारा लेकर पाकिस्तान का सहारा लेकर ये लोग अपनी राजनीति कर रहे हैं।'
निशिकांत दुबे को एजेंसियों का इनपुट कैसे मिला?
मौलाना ने आगे कहा, 'इस बात की जांच होनी चाहिए कि निशिकांत दुबे को एजेंसियों से पहले इनपुट कैसे मिल गए? कि ये आईएसआई का हाथ है। हमारी एजेंसियों को अब तक तो ये पता नहीं है लेकिन निशिकांत दुबे को पता चल गया। कहीं ऐसा तो नहीं है कि निशिकांत दुबे की कोई अलग से आईएसआई की तरह... जैसे कि आपको याद होगा कि साल 2017 में 11 लोग पकड़े गए थे जिसमें बीजेपी का एक ध्रुव सक्सेना नाम का नेता भी शामिल था। कहीं निशिकांत दुबे का आईएसआई के संबंध तो नहीं है तभी उन्हें पहले पता चल गया हो कि इसमें आईएसआई का हाथ है।'
क्या बोले थे निशिकांत दुबे?
इसके पहले गुरुवार को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की मीटिंग में इस बात की आशंका जताते हुए कहा था कि मुसलमानों द्वारा मिला ये फीडबैक लेटर विदेशी साजिश हो सकती हैं। ISI, चीन, तालिबान, जाकिर नाइक की साजिश हो सकती हैं, जिस तरह से एक ही तरह के फीडबैक पत्र मिला हैं। बीजेपी सांसद की इस आशंका के बाद जेपीसी की मीटिंग मे संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा था कि इसको होम मिनिस्ट्री को भेजेगे और इसको देखेंगे।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 27 September 2024 at 18:20 IST