अपडेटेड 21 March 2025 at 16:30 IST

केजरीवाल ने पहले से पंजाब में पांव जमाए, अब करा ली सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की एंट्री; AAP में अंदरखाने क्या सब ठीक-ठाक है?

दिल्ली हारने के बाद अरविंद केजरीवाल लगातार पंजाब में पैर जमा रहे हैं। भगवंत मान से ज्यादा अरविंद केजरीवाल को पंजाब में सरकार के भीतर तवज्जो मिल रही है।

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अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान और मनीष सिसोदिया | Image: Facbook

Aam Aadmi Party: दिल्ली की हार के बाद आम आदमी पार्टी के अंदर क्या सब ठीक-ठाक है, ये कहना मुश्किल है। वो इसलिए कि शुक्रवार को पार्टी के भीतर संगठनात्मक तौर पर जो बदलाव हुआ है, उससे पार्टी खुद को मजबूत करना चाहती है। खासकर पंजाब में आम आदमी पार्टी का पूरा फोकस है, जहां अरविंद केजरीवाल दिल्ली से ज्यादा नजर आते हैं और अभी मनीष सिसोदिया के साथ सत्येंद्र जैन की एंट्री भी राज्य में करा दी गई है।

दिल्ली हार के बाद आम आदमी पार्टी की पूरी सियासत पंजाब की तरफ मुड़ी हुई है। दिल्ली के हालिया चुनावों ने ना सिर्फ आम आदमी पार्टी की पूरी सियासत को पलटकर रख दिया, बल्कि 3 बार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया जैसे AAP के टॉप लीडर्स चुनाव हारकर बेरोजगार हो गए। इससे आम आदमी पार्टी की छवि पर गहरा असर पड़ा। हालांकि अरविंद केजरीवाल अपनी छवि दिल्ली के बजाय अब पंजाब में बना रहे हैं, तो मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जैसे नेताओं को भी साथ ले लिया है।

कैसे पंजाब की राजनीति में केजरीवाल का दखल!

दिल्ली हारने के बाद अरविंद केजरीवाल लगातार पंजाब में पैर जमा रहे हैं। भगवंत मान से ज्यादा अरविंद केजरीवाल को पंजाब में सरकार के भीतर तवज्जो मिल रही है। ये देखा भी गया है कि नशे के खिलाफ भगवंत मान के ऑपरेशन का श्रेय भी AAP ने पिछले दिनों केजरीवाल को दिया था। पिछले दिनों लुधियाना सिविल अस्पताल के उद्घाटन की तस्वीरों को देखकर लोग भी कहने लगे थे कि पंजाब में रिमोट कंट्रोल सरकार चल रही है। वो इसलिए भी कि यहां भगवंत मान की बजाय मंत्री और अधिकारी केजरीवाल को ब्रीफ कर रहे थे। लुधियाना अस्पताल के उद्घाटन की शिला-पट्टिका पर भी अरविंद केजरीवाल का नाम था।

क्या भगवंत मान की बढ़ रही हैं मुश्किलें?

फिलहाल आम आदमी पार्टी ने मनीष सिसोदिया को पंजाब का प्रभारी बनाया। सह-प्रभारी के तौर पर सत्येंद्र जैन लगाए गए हैं। ऐसे में दिल्ली की तरह अरविंद केजरीवाल-मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की तिगड़ी के हाथ पंजाब की बागडोर रहने वाली है। इससे संकेत यही मिलते हैं कि दिल्ली के टॉप लीडर्स पंजाब की राजनीति में अपनी दखलअंदाजी करेंगे, जो भगवंत मान को शायद ही पसंद आए।

यह भी पढ़ें: पंजाब में कैसे कब्जा जमा रहे हैं अरविंद केजरीवाल? लुधियाना दौरे के बाद पारा चढ़ा, भगवंत मान के लिए बढ़ी टेंशन

Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 21 March 2025 at 14:39 IST