अपडेटेड 24 December 2018 at 10:03 IST

नसीरुद्दीन के बाद PAK पीएम को ओवैसी का मुंहतोड़ जवाब, 'पहले खुद के गिरेबान में झांकों इमरान साहब'

जिस पर खुद नसीरुद्दीन शाह ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इमरान खान को उन्हीं मुद्दों पर बोलना चाहिए जिससे उनका कोई वास्ता हो.

Follow :  
×

Share


| Image: self

नसीरुद्दीन शाह के बयान के बहाने भारत और पीएम मोदी पर निशाना साधने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम)  के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ही अंदाज में करारा जवाब दिया है. ओवैसी ने कहा कि अल्‍पसंख्‍यकों को अधिकार कैसे दिए जाते हैं, ये बात वह हमसे सीख सकते हैं.

बता दें, इमरान खान ने नसीरुद्दीन शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत को 'अल्‍पसंख्‍यकों के लिए असुरक्षित' बताया था. 

जिस पर खुद नसीरुद्दीन शाह ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इमरान खान को उन्हीं मुद्दों पर बोलना चाहिए जिससे उनका कोई वास्ता हो. अब ओवैसी ने भी उनको कटघरे में लेते हुए कहा कि उन्हें भारत की विविधता से कुछ सिखाना चाहिए.

ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा कि पाकिस्तान के संविधान के अनुसार सिर्फ इस्लाम धर्म से वास्ता रखने वाला ही वहां का राष्ट्रपति बन सकता है. वहीं भारत के इतिहास में कई ऐसे राष्ट्रपति बने जो अल्‍पसंख्‍यक समुदाय से आते थे. ये बिल्कुल सही समय है कि हमसे, हमारी विविधता और अल्‍पसंख्‍यकों को अधिकार देने के तरीके से कुछ सीखने का.

 

पाक पीएम को बिगड़े बोल..

इमरान खान ने जिन्ना का जिक्र करते हुए आगे कहा कि वे कांग्रेस के बड़े नेताओं में एक थे. उन्हें हिंदू - मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता था. लेकिन उन्हें लगा कि कांग्रेस मुस्लिमों को बराबरी का अधिकार नहीं देगी. इसलिए उन्‍होंने अलग मुल्‍क की मांग की. वे नहीं चाहते थे कि मुसलमान दोयम दर्जे के नागरिक बने. पाकिस्तान की स्थापना करने वाले मोहम्‍मद अली जिन्‍ना का यही विजन था.

इमरान खान ने नसीरूद्दीन शाह का नाम लेते हुए कहा, 'आज के हिंदुस्‍तान में यही  हो रहा है. मैं नसीरूद्दीन शाह का पढ़ रहा था, वह जो बातें कर रहे हैं वह बातें जिन्‍ना कह चुके थे. वे समझते थे कि हिंदुस्‍तान में मुसलमानों को बराबर का नागरिक नहीं माना जाएगा. वही आज हिंदुस्‍तान में हो रहा है.'.

क्या था नसीरुद्दीन का बयान?

गौरतलब है कि नसीरुद्दीन शाह ने बुलंदशहर में भीड़ की हिंसा में पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह की मौत की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए कहा है, "लोगों को कानून अपने हाथों में लेने की खुली छूट मिल गई है. कई इलाकों में हम देख रहे हैं कि एक पुलिस अफसर की मौत के बनिस्बत एक गाय की मौत को ज्यादा अहमियत दी जाती है.'' जिसके बाद अपने बयान को लेकर नसीरुद्दीन सवालों के कटघरे में आ गए थे.

विवाद बढ़ता देख दी सफाई..

मीडिया के सामने नसीरुद्दीन ने कहा, ''मुझे मालूम नहीं क्यों.. जो मैंने बात कही वो एक चिंतित भारतवासी के हैसीयत से कही है. मैं पहले भी कह चुका हूं. मुझे नहीं मालूम कि इस दफा ऐसा क्या कह दिया कि मुझे गद्दार ठहराया जा रहा है. अजीब बात है. 

 

Published By : Neeraj Chouhan

पब्लिश्ड 24 December 2018 at 10:03 IST