अपडेटेड 22 January 2025 at 16:48 IST

भारत को बाहर से नहीं, बल्कि अंदर से खतरा है: फारूक अब्दुल्ला

Farooq Abdullah News: फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि देश आज भी खुद को बचाने के लिए बलिदान मांग रहा है। भारत को बाहर से नहीं बल्कि अंदर से खतरा है।

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फारूक अब्दुल्ला | Image: ANI

Farooq Abdullah News: जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि भारत को बाहर से नहीं बल्कि अंदर से खतरा है। उन्होंने देश के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एकता के महत्व और विभाजनकारी बयानों का मुकाबला करने पर जोर दिया। डॉ. अब्दुल्ला ने यहां नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) मुख्यालय में एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘देश आज भी खुद को बचाने के लिए बलिदान मांग रहा है। भारत को बाहर से नहीं बल्कि अंदर से खतरा है। देश के अंदर के लोग ही इसे नष्ट कर सकते हैं, बाहर के लोग नहीं। देश को मजबूत बनाने के लिए हमें खुद को, अपने भाइयों और बहनों को मजबूत बनाना होगा।’’

डॉ. अब्दुल्ला ने विभाजनकारी दुष्प्रचार की आलोचना की, खास तौर पर ‘हिंदू खतरे में है’ जैसे बयानों की उन्होंने निंदा की। उन्होंने कहा, ‘‘इस देश में 80 प्रतिशत हिंदू हैं, तो खतरा कहां है? इस तरह के बयान का उद्देश्य लोगों में डर पैदा करना है। इस झूठ को मिटाना हर किसी का कर्तव्य है।’’ उन्होंने पूर्व में फैलाए गए ऐसे ही दुष्प्रचार का जिक्र किया और बताया कि कैसे 1996 में जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से लोगों के बसने के बारे में गलत सूचना फैलाई गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘ये दुष्प्रचार फैलाया गया कि वे (पीओके से लोग) आएंगे और आपकी जमीनों पर कब्जा कर लेंगे। मैंने बार-बार स्पष्ट किया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बिना कोई भी यहां नहीं बस सकता, फिर भी किसी ने मेरी बात नहीं सुनी।’’

अनुच्छेद 370 पर फारूक अब्दुल्ला का बयान

अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने पर टिप्पणी करते हुए डॉ. अब्दुल्ला ने तर्क दिया कि विशेष प्रावधान केवल कश्मीरियों के लिए नहीं था, बल्कि महाराजा हरि सिंह ने इसे 1927 में डोगराओं को धनी पंजाबियों के आर्थिक वर्चस्व से बचाने के लिए पेश किया था। उन्होंने कहा, ‘‘आपने निरस्तीकरण का जश्न मनाया, लेकिन अब घरेलू नौकरियां भी बाहरी लोगों के पास जा रही हैं। घरेलू सहायकों को बाहर से लाया जा रहा है। सोचिए आपको क्या हासिल हुआ।’’ उन्होंने अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के बाद बढ़ती आर्थिक चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘‘आपकी जमीनें छीनी जा रही हैं और नौकरियां अब आपके लिए आरक्षित नहीं हैं। बाहरी लोग कश्मीर आने से कतराते हैं, क्योंकि उन्हें यहां की बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी का डर है। यही वह बात है जिसके बारे में हमने आपको चेतावनी देने की कोशिश की थी।’’

अब्दुल्ला ने देशद्रोही होने के आरोपों पर जवाब दिया

अब्दुल्ला ने देशद्रोही होने के आरोपों पर कहा, ‘‘मैं एक मुसलमान हूं और मैं एक भारतीय मुसलमान हूं। मैं न तो चीनी हूं और न ही पाकिस्तानी मुसलमान। लेकिन यह दुष्प्रचार जारी है। यहां तक कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के हिंदू सदस्यों को भी कभी पाकिस्तानी कहा जाता था।’’ लोगों के समर्थन के लिए आभार जताते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हमने कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी। मेरे पिता ने भी मुश्किलों का सामना किया, लेकिन हमने हार नहीं मानी। अगर हम सही रास्ते पर रहें, ईमानदारी से काम करें और सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करें, तो हम किसी भी चुनौती से पार पा सकते हैं।’’

उन्होंने पार्टी नेताओं से विभाजन से बचने और जनता के लिए उपलब्ध रहने का आग्रह किया। उन्होंने आंतरिक एकता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सवाल किया, ‘‘पहले अपना घर ठीक करो। अगर आपका घर ठीक नहीं है, तो आपका देश कैसे ठीक रहेगा?’’ अब्दुल्ला ने राष्ट्र निर्माण के लिए एकजुट प्रयास की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘‘यह देश तभी प्रगति कर सकता है जब हम सभी खुश और एकजुट हों। भारत विविधता से भरा है, जिसमें विभिन्न जातियां और क्षेत्र शामिल हैं और हमारी ताकत विविधता के बीच हमारी एकता में निहित है।’’

संसद में महिलाओं के लिए आरक्षण लागू करने में देरी पर बोले फारूक

लैंगिक समानता पर अब्दुल्ला ने संसद में महिलाओं के लिए आरक्षण लागू करने में देरी पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘पुरुष अक्सर महिलाओं के साथ सत्ता साझा करने में हिचकिचाते हैं, जिससे हमारे देश की प्रगति में बाधा आती है। हमें वास्तव में आगे बढ़ने के लिए पुरुषों और महिलाओं के लिए समानता सुनिश्चित करनी चाहिए।’’

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 22 January 2025 at 16:48 IST