अपडेटेड 17 December 2024 at 19:21 IST

'महाराष्ट्र में EVM खराब, झारखंड में टप से नए कपड़े पहनकर... जरा शर्म करो', अमित शाह का INDI पर वार

Amit Shah in Rajya Sabha: संविधान पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा विपक्ष पर तीखा हमला बोला।

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अमित शाह | Image: Screen GRab

Amit Shah in Rajya Sabha: संविधान पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा विपक्ष पर तीखा हमला बोला। अमित शाह ने ईवीएम पर सवाल उठाने वालों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने जब उन्हें बुलाया तो कोई नहीं गया। सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके याचिका को खारिज कर दिया। ईवीएम पर सवाल उठाने वालों को देश की  जनता ने जवाब देने का काम किया।

गृहमंत्री ने कहा कि एक ही दिन में दो राज्यों में नतीजे आए। महाराष्ट्र में एनडीए की प्रचंड जीत हुई और झारखंड में जेएमएम गठबंधन की जीत हुई। महाराष्ट्र में ईवीएम को दोष देने वाले झारखंड में नए कपड़े पहनकर शपथ ग्रहण में चले गए। इसका दंड महाराष्ट्र जनता ने दिया और दूरबीन लेकर दिखाई नहीं पड़ते।

विदेश चश्मे से भारतीयता नहीं दिखेगी: अमित शाह

चित्रों को लेकर चल रही सियासत पर गृहमंत्री ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, "सदस्य ने कहा की चर्चा का स्तर कितना नीचा हो गया है कि यहां चित्रों की चर्चा हो रही है। मान्यवर अगर संदेश लेना नहीं आता तो संविधान का भी कोई उपयोग नहीं। यह सारे जो चित्र लगाए वह हमारे हजारों साल से चलने वाले हमारे राष्ट्र के जीवन को उद्घोषित करने वाला। कोई ये ना समझे कि हमारा संविधान दुनिया के संविधानों की नकल, हमने हर संविधान का अभ्यास जरूर किया है क्योंकि हमारे यहां तो ऋग्वेद में कहा गया हर कोने से हमें अच्छाई प्राप्त हो, शुभ विचार प्राप्त हो और शुभ विचार को स्वीकारने के लिए मेरा मन खुला मान्यवर हमने सब का सबसे अच्छा लिया है। मगर हमारी परंपराओं को नहीं छोड़ा। पढ़ने का चश्मा अगर विदेशी है, तो संविधान में भारतीयता कभी नहीं दिखेगी।"

अंबेडकर जी को सबको पढ़ना चाहिए- अमित शाह

गृहमंत्री शाह ने कहा कि 75 साल हो गए संविधान को किस प्रकार से हमारे राजनीतिक दलों ने और हमारी पॉलिटिकल पार्टियों के साथ-साथ हमारी सरकार उन्हें भी किसी प्रकार से आगे बढ़े इसकी भी चर्चा जरूर होनी चाहिए। मैं मानता हूं कि चर्चा समय उचित होगी हमारे संविधान के हमारे संविधान की रचना के बाद डॉक्टर अंबेडकर ने बहुत सोच समझकर एक वाक्य किया था मैं अंबेडकर जी के वाक्य को सदन के सामने प्रस्तुत करना चाहता हूं कि कोई संविधान कितना भी अच्छा हो वह बुरा बन सकता है अगर जिन लोग पर उसको चलाने की जिम्मेदारी है, वह अच्छे ना हो इस तरह से कोई भी संविधान कितना भी बुरा हो, वह अच्छा साबित हो सकता है अगर उसे चलाने वालों की भूमिका सकारात्मक और अच्छी हो ।

संविधान को कभी भी अपरिवर्तनशील नहीं माना गया- अमित शाह

यह दोनों घटनाएं के 75 साल के कालखंड के अंदर अच्छी और मैं तथ्यों के आधार पर सदन के सामने और सदन के माध्यम से देश की जनता के सामने भी रखना चाहता हूं। हमारे संविधान में हमारे संविधान को कभी भी अपरिवर्तनशील नहीं माना गया समय के साथ-साथ देश भी बदलना चाहिए समय के साथ-साथ कानून भी बदलने चाहिए।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 17 December 2024 at 19:21 IST