अपडेटेड 26 June 2024 at 17:05 IST
इमरजेंसी पर सियासी जंग, BJP के हमले से भड़के चिदंबरम; कहा- BJP पीछे की ओर देखकर कार चलाना बंद करे
NDA के प्रदर्शन ने कांग्रेस को बैकफुट पर धकेल दिया। इमरजेंसी देश के संविधान पर एक कलंक है, जिसका कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के पास कोई जवाब नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी और उनके सहयोगी दलो ने इमरजेंसी की 50वीं बरसी को लेकर लोकसभा परिसर में नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। दरअसल बुधवार को जब लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल कर ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष पद पर बैठा दिया। इसके बाद ओम बिरला ने लोकसभा सदस्यों को संबोधित कर एक लंबा भाषण दिया और इमरजेंसी की निंदा करते हुए सदन में दो मिनट का मौन भी रख दिया। बिरला का ये फैसला कांग्रेस के पुराने जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा साबित हुआ।
संसद में इमरजेंसी के मौन को लेकर कांग्रेस नेताओं की बौखलाहट सामने आने लगी। एनडीए के इस मौन पर कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी को रियर व्यू मिरर (पीछे की ओर देखकर) कार चलाना बंद करना चाहिए। वहीं इमरजेंसी की 50वीं बरसी पर बीजेपी ने देशभर में विरोध का ऐलान किया है। एनडीए का ये मौन कांग्रेस के सभी दलों को सदन में बैकफुट पर धकेलने के लिए काफी है। दरअसल इमरजेंसी देश के संविधान पर एक कलंक है जिसका कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के पास कोई जवाब नहीं है।
#WATCH | Delhi: On NDA protest on the 50th anniversary of the Emergency, Congress MP Karti Chidambaram says, "A lot of water has flown in the Ganga since 1975. Indira Gandhi had expressed regret over it (Emergency). She was defeated in the 1977 election... The BJP must stop… pic.twitter.com/K0GFPIFSKp
— ANI (@ANI)
NDA के मौन पर क्या बोले कार्ति चिंदबरम?
बुधवार को 18वीं लोकसभा में चुने गए एनडीए सांसदों ने लोकसभा के बाहर इकट्ठा होकर इमरजेंसी के खिलाफ नारेबाजी की। एनडीए के इस विरोध प्रदर्शन पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है। कांग्रेस सांसद कार्ति चिंदबरम ने कहा, '1975 से अब तक गंगा में बहुत पानी बह चुका है। इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी पर पहले भी खेद जताया था। इसका परिणाम ये हुआ था कि वो 1977 के चुनाव में हार गई थीं। बीजेपी को अब पीछे की ओर देखकर कार चलाना बंद कर देना चाहिए।'
विरोध करना है तो विपक्ष में बैठे सत्ता पक्षः चिदंबरम
कांग्रेस नेता कार्ति चिंदबरम ने आगे कहा, 'यह काफी आश्चर्यजनक है कि सत्ता पक्ष इमरजेंसी का विरोध क्यों कर रहा है? अगर उनको संसद में विरोध करना है तो फिर वो विपक्ष में आकर बैठ सकते हैं और हमें सत्ता चलाने का अवसर दे सकते हैं, हम खुशी-खुशी इसे स्वीकार करेंगे। बीजेपी और उसके सहयोगी दलों का सत्ता में वापसी के बाद से यह नया कार्यकाल शुरू करने का तरीका नहीं है। इमरजेंसी का मुद्दा अब खत्म हो चुका है। हमें आज संस्थाओं का गला घोंटने के बारे में बात करनी चाहिए।'
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 26 June 2024 at 16:29 IST