अपडेटेड 23 August 2021 at 20:38 IST
BJP नेता मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा- 'अब अत्याचार-दुराचार नहीं चलेगा, मालवाणी पैटर्न को मुंबई में पनपने नहीं देंगे'
मुंबई BJP चीफ मंगल प्रभात लोढ़ा ने रविवार को बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मुंबई से हिंदुओं को बाहर निकाला जा रहा है।
मुंबई BJP चीफ मंगल प्रभात लोढ़ा ने रविवार को बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मुंबई से हिंदुओं को बाहर निकाला जा रहा है। उन्होंने इसे 'मालवाणी पैटर्न' करार देते हुए इसके खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया। मुंबई स्थित रियल एस्टेट 'लोढ़ा समूह' के संस्थापक मंगल प्रभात लोढ़ा ने कसम खाई कि वह मुंबई में वैसा नहीं होने देंगे, जैसा असम और कश्मीर में हुआ था।
मुंबई में 'धर्मरक्षाबंधन' कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए बीजेपी चीफ ने यह भी कहा कि बांग्लादेशी, रोहिंग्या और तालिबान जैसे बाहरी लोग भारत को 'धर्मशाला' के रूप में इस्तेमाल नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, "पूरे देश में 'मालवणी पैटर्न' चर्चा का विषय बना। अगर उनको पार्टी का साथ मिला तो इस मुद्दे को वह एक बार फिर विधानसभा में उठाएंगे और भाजपा के सभी कार्यकर्ता इसका विरोध करेंगे।"
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मुंबई बीजेपी चीफ ने इसके आगे कहा, "यह भारत है, कोई धर्मशाला नहीं, जहां कभी बांग्लादेशी आते हैं, कभी रोहिंग्या और फिर तालिबानी लोग प्रवेश करना चाहते हैं। अब अत्याचार, दुराचार नहीं चलेगा और मालवाणी पैटर्न को मुंबई भर में पनपने नहीं देंगे।"
क्या है 'मालवाणी पैटर्न'?
इसी साल मार्च महीने की शुरुआत में मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष और मलबार हिल विधानसभा क्षेत्र से विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा ने 'मालवाणी विधानसभा क्षेत्र' से हिंदू वोटरों के घटने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा में इस बात को कहा था कि मालवाणी विधानसभा क्षेत्र से हिंदुओं को पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है। मुंबई बीजेपी अध्यक्ष ने कहा था कि मालवणी के हिंदुओं को उनका घर छोड़ने की धमकी दी जा रही है।
विधानसभा को संबोधित करते हुए लोढ़ा ने आरोप लगाया था कि हिंदू मतदाताओं की संख्या में 15,000 की कमी आई है, जबकि मुस्लिम मतदाताओं की संख्या में 12,000 की वृद्धि हुई है। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था और कहा था कि उन्हें इसपर गौर करने के लिए एक अलग समिति का गठन करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि जिस तरह कश्मीर और उत्तर प्रदेश के कैराना में हिंदुओं को पलायन के लिए मजबूर किया गया था, वैसा ही पैटर्न मालवाणी में भी देखा जा रहा है।
Published By : Chandani sahu
पब्लिश्ड 23 August 2021 at 20:26 IST