अपडेटेड 6 March 2025 at 09:21 IST

सपा के लिए अबू आजमी क्यों जरूरी, जो औरंगजेब की प्रशंसा पर एक्शन के बजाय अखिलेश यादव समर्थन के लिए खड़े हुए?

अबू आजमी महाराष्ट्र में अखिलेश यादव के लिए बहुत जरूरी हैं। पहला ये कि अबू आजमी सपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हैं और दूसरी ये कि वो मुस्लिम समुदाय से आते हैं।

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अखिलेश यादव और अबू आजमी | Image: Facebook

Abu Azmi Remarks: अबू आजमी समाजवादी पार्टी के लिए ऐसा नेता बन चुके हैं कि पार्टी किसी भी स्तर तक समर्थन करने को मजबूर है। अंदाजा लगा सकते हैं कि अबू आजमी खुद अखिलेश यादव के सामने दूसरे धर्मों या यूं कहें कि इशारों-इशारों में सभी हिंदुओं को ललकारते हैं और बगल में अखिलेश यादव खड़े रहते हैं। ये बात महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के समय की है। अखिलेश यादव उस समय भी अबू आजमी का साथ देते रहे। अभी जब मुगल बादशाह औरंगजेब के लिए अबू आजमी ने तारीफ में कसीदे पढ़े हैं तो अखिलेश यादव एक्शन के बजाय पूरे समर्थन में हैं।

अबू आजमी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के समय एक सभा से अखिलेश यादव की मौजूदगी में ही कहा कि '8 विधायक हमारे हो गए तो किसी की मां ने दूध नहीं पिया है कि मुसलमानों के साथ ज्यादती कर सके।' कुछ इसी तरह का विवाद अबू आजमी ने औरंगजेब की प्रशंसा करके खड़ा किया है। ये विवाद ऐसे समय आया है, जब छत्रपति शिवाजी महाराज पर आधारित फिल्म के बाद महाराष्ट्र में उनकी जय-जयकार हो रही थी। ये अलग बात है कि अबू आजमी माफी मांग चुके हैं। लेकिन अखिलेश यादव ऐसे में भी पार्टी स्तर पर अबू आजमी के खिलाफ कार्रवाई के बजाय पूरा समर्थन दे रहे हैं।

सपा के लिए अबू आजमी क्यों जरूरी?

अबू आजमी महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव दोनों के लिए बहुत जरूरी हैं। पहली बात ये कि अबू आजमी सपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हैं और दूसरी बात कि वो मुस्लिम समुदाय से आते हैं, जिनको अखिलेश यादव के सबसे मजबूत वोटबैंक में गिना जाता है। अबू आजमी मौजूदा विधायक भी हैं और अहम ये कि वो मुंबई के मानखुर्द शिवाजीनगर निर्वाचन क्षेत्र का नेतृत्व करते हैं और 4 बार विधानसभा के लिए चुने जा चुके हैं। आसान शब्दों में कहें तो अबू आजमी महाराष्ट्र में सपा के सबसे बड़े नेता हैं।

इसको भी दरकिनार नहीं किया जा सकता है कि महाराष्ट्र में अबू आजमी भी समाजवादी पार्टी का खाता खोलते रहे हैं। अबू आजमी के बलबूते ही मौजूदा समय में महाराष्ट्र में पार्टी के दो विधायक हैं और दोनों ही मुस्लिम हैं। इसके अलावा जरूरी ये भी कि बृहन्मुंबई महानगर पालिका यानी बीएमसी के चुनाव जल्द हैं, जिसमें समाजवादी पार्टी अबू आजमी के नेतृत्व में जिस स्ट्राइक रेट के साथ विधानसभा चुनाव में उभरी, उसका फायदा बीएमसी चुनाव में उठाने की भी होगी।

हो सकता है कि अखिलेश यादव इस मुगालते में हों कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों में मिली सफलता से बेहतर वो बीएमसी के चुनाव में कर सकते हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है कि जिस तरह का स्ट्राइक रेट उनका विधानसभा चुनावों में रहा है उसे देखते हुए अबू आजमी पर कार्रवाई करने की स्थिति में अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी बीएमसी चुनावों में नुकसान नहीं चाहेंगे। मसलन समर्थन करने में ही अखिलेश यादव लाभ देख रहे हैं।

अखिलेश ने अबू आजमी के समर्थन में क्या कहा था?

औरंगजेब विवाद में अबू आजमी को विधानसभा के मौजूदा सत्र से निलंबित किया गया है। इस कार्रवाई के बाद अखिलेश यादव ने अबू आजमी के समर्थन में टिप्पणी की। उन्होंने 'X' पर लिखा- 'निलंबन का आधार यदि विचारधारा से प्रभावित होने लगेगा तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परतंत्रता में क्या अंतर रह जाएगा। हमारे विधायक हों या सांसद उनकी बेख़ौफ़ दानिशमंदी बेमिसाल है। कुछ लोग अगर सोचते हैं कि निलंबन से सच की जुबान पर कोई लगाम लगा सकता है तो फिर ये उनकी नकारात्मक सोच का बचपना है। आजाद ख्याल कहे आज का, नहीं चाहिए बीजेपी।'

औरंगजेब पर अबू आजमी ने क्या बयान दिया?

विवाद तब शुरू हुआ जब आजमी ने दावा किया कि औरंगजेब एक महान प्रशासक था, उन्होंने अपने शासन के दौरान भारत की जीडीपी और मंदिरों के निर्माण का हवाला दिया। आजमी ने कथित तौर पर कहा था कि औरंगजेब क्रूर प्रशासक नहीं था और उसने कई मंदिर बनवाए। औरंगजेब के शासन काल में हिंदुस्तान सोने की चिड़िया था। औरंगजेब के शासन काल को देखकर ही अंग्रेज भारत आए थे। औरंगजेब एक इंसाफ पसंद बादशाह था।' उन्होंने कहा कि 'मुगल बादशाह और छत्रपति संभाजी महाराज के बीच लड़ाई राज्य प्रशासन के लिए थी, न कि हिंदू और मुस्लिम के लिए।'

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 6 March 2025 at 09:21 IST