अपडेटेड 17 September 2024 at 12:20 IST

Atishi: 2020 में पहली बार विधायक बनने से CM की कुर्सी तक, यूं बढ़ता चला गया आतिशी का सियासी 'कद'

साल 2020 में आतिशी पहली बार विधायक बनीं। साल 2023 में ही आतिशी को मंत्री बनाया गया और अब साल 2024 में दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर कमान संभालने जा रही हैं।

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आतिशी का सियासी सफर | Image: PTI

Delhi New CM Atishi Marlena: दिल्ली को अपना अगला मुख्यमंत्री मिल गया है। केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी मार्लेना राजधानी की कमान संभालेंगी। AAP विधायक दल की बैठक में नए CM के तौर पर आतिशी के नाम पर मुहर लग गई है।

दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री की रेस में वैसे तो कई नाम शामिल थे। हालांकि आतिशी का नाम सबसे आगे चल रहा था। अब AAP ने सर्वसम्मति से आतिशी का नाम चुना।

आम आदमी पार्टी के साथ आतिशी शुरुआत से ही जुड़ी हैं। साथ 2013 में पार्टी की स्थापना से ही वह AAP का हिस्सा हैं। उन्होंने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के सलाहकार के तौर पर काम किया। वहां से लेकर अब वह CM की कुर्सी संभालने जा रही हैं। आइए ऐसे में नजर डालते हैं उनके अबतक के एक सफर पर...

आतिशी के पास सबसे ज्यादा विभागों का जिम्मा

आतिशी की गिनती दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल की भरोसेमंद और करीबियों में होती हैं। आतिशी दिल्ली सरकार में इकलौती महिला मंत्री हैं। इतना ही नहीं उनके पास इस समय दिल्ली सरकार में सबसे ज्यादा विभागों भी हैं। वह शिक्षा विभाग, PWD, जल विभाग, राजस्व, योजना और वित्त जैसे अहम विभागों का जिम्मा संभाल रही हैं।

देखा जाए तो आतिशी का सियासी सफर बेहद ही रोमांचित रहा है। साल 2020 में वह पहली बार विधायक बनीं। इसके बाद साल 2023 में ही आतिशी को मंत्री बनाया गया और अब साल 2024 में दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर कमान संभालने जा रही हैं। सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनेंगी। 

सिसोदिया के सलाहकार के तौर पर किया काम

अन्ना आंदोलन के समय से ही आतिशी संगठन में सक्रिय हैं। वह AAP की शुरुआत से ही पार्टी का हिस्सा हैं। बीतते समय के साथ उनका कद पार्टी में बढ़ता ही चला गया। साल 2013 में विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की घोषणापत्र मसौदा समिति की आतिशी प्रमुख सदस्य थीं। इसके साथ ही वह जुलाई 2015 से लेकर अप्रैल 2018 तक दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के सलाहकार के तौर पर काम कर चुकी हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधारने का क्रेडिट उन्हें भी दिया जाता है।

लोकसभा चुनाव हारीं, फिर बनीं विधायक

आतिशी ने आम चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमाई। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में AAP ने उन्हें पूर्वी दिल्ली से चुनाव लड़ने का टिकट दिया, लेकिन आतिशी को इसमें BJP के गौतम गंभीर के हाथों हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद वह साल 2020 में दिल्ली के विधानसभा चुनाव के मैदान में भी उतरीं और इसमें उन्होंने जीत दर्ज की। आतिशी ने कालकाजी क्षेत्र से चुनाव लड़ते हुए BJP प्रत्याशी को हराया और पहली बार विधायक चुनी गईं। दिल्ली चुनाव के बाद उन्हें AAP की गोवा इकाई का प्रभारी बनाया गया।

केजरीवाल-सिसोदिया के जेल में रहते पार्टी को संभाला

इसके बाद मार्च 2023 में आतिशी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। उन्हें सबसे ज्यादा मंत्रालय का जिम्मा मिला। जब दिल्ली शराब घोटाले में फंसने के बाद मनीष सिसोदिया से लेकर अरविंद केजरीवाल को सलाखों के पीछे जाना पड़ा, तब आतिशी ने मोर्चा संभाला। आतिशी ने पार्टी को मजबूती से संभाला।  स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने के लिए भी केजरीवाल ने आतिशी के ही नाम की सिफारिश की थी।

जान लें कि  8 जून 1981 को जन्मी आतिशी पंजाबी राजपूत परिवार से ताल्लुक रखती हैं। वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं। आतिशी के पिता विजय कुमार सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी में के प्रोफेसर रहे हैं। 

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 17 September 2024 at 12:18 IST