अपडेटेड 12 January 2024 at 12:46 IST

अगर 3 से कम हैं बच्चे तो सरकार से मिलेंगे पैसे, असम की हिमंता सरकार लाई महिलाओं के लिए खास योजना

Assam में Himanta Biswa Sarma की सरकार ने महिलाओं के लिए Mukhyamantri Mahila Udyamita Scheme लाई है। इसके योजना के दायरे में छोटे परिवार रहेंगे।

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हिमंता बिस्वा सरमा | Image: Himanta Biswa Sarma/Facebook

Assam News: मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) के नेतृत्व वाली असम सरकार ने राज्य में जनसंख्या वृद्धि (Population Growth) रोकने के मसकद से बड़ा कदम उठाया है। हिमंता सरकार एक ऐसी योजना लेकर आई है, जिसका लाभ सिर्फ छोटे परिवारों को ही मिलेगा। सरकार ने योजना का लाभ उठाने के लिए बकायदा शर्त रखी है। पिछले दिन मुख्यमंत्री हिमंता ने खुद योजना की घोषणा की।

खबर में आगे पढ़ें:-

असम सरकार की नई योजना क्या है?
कौन-कौन इसका योजना की लाभ ले सकते हैं?
नई योजना में सरकार ने क्या शर्तें रखीं?

मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता स्कीम लाई सरकार

असम में हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार ने महिलाओं के लिए महिला उद्यमिता अछोनी योजना लाई है। इसके योजना के दायरे में छोटे परिवार रहेंगे। सीएम हिमंता का कहना है, 'हम राज्य के ग्रामीण इलाकों में महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए एक नई योजना 'मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता' शुरू करेंगे।'

महिलाओं को मिलेगी वित्तीय सहायता

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 7 लाख महिलाओं की वार्षिक आय बढ़ी है। योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों की 39 लाख महिलाओं को कारोबार करने के लिए कुछ शर्तों के साथ 3 साल के भीतर तीन चरणों में वित्‍तीय सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया कि 145 कारोबारी मॉडल की पहचान और चयन कर लिया गया है।

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तीन किस्तों में महिलाओं को पैसा मिलेगा

सीएम हिमंता ने कहा कि योजना के तहत पहले साल में सरकार 10000 रुपये के रूप में पहली किस्त मिलेगी। फिर दूसरे साल में राज्य सरकार 12500 रुपये देगी और बाद में बैंक लाभार्थियों को 12500 रुपये मिलेंगे। उन्होंने कहा कि बैंक ऋण लाभार्थी को चुकाना होगा।

नई योजना के लिए सरकार ने रखी हैं शर्त

शर्त रखते हुए मुख्यमंत्री हिमंता ने कहा कि महिला लाभार्थियों के लिए कुछ मानदंड हैं, जिनमें सामान्य और ओबीसी श्रेणियों की महिलाओं के 3 से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए। इसके अलावा मोरन, मटक, चाय समुदाय और एससी/एसटी की महिला लाभार्थियों के अधिकतम 4 बच्चे ही होने चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि लाभार्थियों से संकल्‍प लिया जाएगा कि वो दो से ज्‍यादा बच्‍चों को जन्‍म नहीं देंगी और साथ में अपनी बेटी को स्‍कूल भेजेंगी।

असम में यूसीसी का भी ऐलान

हिमंता बिस्वा सरमा राज्य में यूसीसी लागू करने का भी ऐलान कर चुके हैं। गुरुवार को ही उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और गुजरात के बाद असम समान नागरिक संहिता (यूसीसी) से संबंधित विधेयक पेश करने वाला तीसरा राज्य होगा। हालांकि मुख्यमंत्री ने ये भी घोषणा की कि ये आदिवासी समुदायों को प्रस्तावित कानून के दायरे से छूट देगा।

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Published By : Amit Bajpayee

पब्लिश्ड 12 January 2024 at 09:37 IST