अपडेटेड 19 March 2025 at 16:05 IST

नागपुर हिंसा मामले में पुलिस का एक्शन तेज, 1250 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, 100 की हुई पहचान; 150 से ज्यादा CCTV खंगाले

नागपुर हिंसा मामले में अभी तक 6 एफआईआर दर्ज हुई हैं। नागपुर के 3 पुलिस स्टेशन में अभी तक 6 एफआईआर दर्ज हुई हैं। 1250 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

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महाराष्ट्र पुलिस का बड़ा एक्शन | Image: ANI

Nagpur Violence : नागपुर हिंसा मामले में पुलिस का एक्शन तेज हो गया है। नागपुर हिंसा मामले में अभी तक 6 एफआईआर दर्ज हुई हैं। नागपुर के 3 पुलिस स्टेशन में अभी तक 6 एफआईआर दर्ज हुई हैं। 1250 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है, जिसमें से तकरीबन 100 लोगों को पहचान लिया गया है।

सोशल मीडिया से वीडियो के पोस्ट वायरल करने वाले लोगों को भी नागपुर पुलिस की साइबर यूनिट जांच रही है। मामले में 150 सीसीटीवी कैमरा का फुटेज की भी जांची की जा रही है। सोशल मीडिया के फुटेज, मीडिया के उपलब्ध फुटेज की भी जांच की जा रही है। अब तक लगभग 51 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

नागपुर हिंसा का मास्टरमाइंड फहीम खान गिरफ्तार

17 मार्च को नागपुर में हुई हिंसक घटना में तथाकथित मास्टरमाइंड फहीम खान गिरफ्तार कर लिया गया है। फहीम खान का नाम नागपुर पुलिस की तरफ से दंगे को लेकर दर्ज एफआईआर में आया, जिसमें बताया गया कि वो 50-60 लोगों को लेकर गणेशपेठ पुलिस थाना के पास पहुंचा था। फिलहाल फहीम खान के पकड़े जाने के बाद हिंसा मामले में गिरफ्तारी का आंकड़ा 51 पहुंच गया है।

हिंसा के बाद फहीम खान के कुछ वीडियो सामने आए थे। कथित तौर पर फहीम खान ने 17 मार्च को लोगों को बरगलाना और उन्हें एक जगह इकट्ठा किया था। फहीम खान ने कथित तौर पर पुलिस से तीखी बहस की थी और उसके बाद सड़क पर ही बैठ गया था। बाद में एक अफवाह ने शहर के अंदर दंगे की चिंगारी फूंक दी थी। फिलहाल पूरे मामले में फहीम खान को गिरफ्तार किया जा चुका है।

किस बात को लेकर शुरू हुआ था नागपुर का विवाद?

17 मार्च को नागपुर में औरंगजेब की कब्र के विरोध हिंदू संगठन निकले थे। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का प्रोटेस्ट था, जिस बीच विशेष समुदाय के बीच एक अफवाह फैली और उसने विवाद को हिंसक रूप से दिया। एफआईआर के मुताबिक, भीड़ ने जान से मारने की नियत से भालदारपुरा चौक इलाके में पुलिस पर घातक हथियार और पत्थर से हमला किया। उन्होंने पुलिसकर्मियों को रोकने के लिए पेट्रोल बम तैयार किए और उन पर फेंके। उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को ये कहते हुए रोक दिया, 'तुम हिंदू समाज के पुलिस हो और तुमने जानबूझकर हमारे धर्म की चादर जलाने में मदद की।'

ऐसी झूठी अफवाहें फैलाकर और भद्दी-भद्दी गालियां देकर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया गया। पूरे घटनाक्रम में 3 डीसीपी स्तर के अधिकारियों समेत हिंसा में 33 पुलिसकर्मी भी घायल हुए। हैरान करने वाली बात ये है कि भीड़ ने अंधेरे का फायदा उठाकर महिला पुलिसकर्मी के साथ छेड़खानी करने की कोशिश की थी, जिसका जिक्र FIR में है।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 19 March 2025 at 16:05 IST