अपडेटेड 25 January 2025 at 14:37 IST
नरेंद्र मोदी करते हैं सिर्फ 3 से 4 घंटे आराम, कहां से मिलती है मोटिवेशन और स्ट्रेंथ? NCC कैडेट्स से बातचीत में PM ने खोला राज
NCC कैडेट्स से बातचीत में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें विफलता स्वीकार नहीं करनी चाहिए। जो विफलता स्वीकार करते हैं, उसकी शरण लेते हैं वो कभी सफल नहीं होते।
PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कठिन परिश्रम के पीछे की मोटिवेशन और स्ट्रेंथ को लेकर राज खोला है। पीएम मोदी गणतंत्र दिवस से पहले अपना आवास पर एनसीसी कैडेट्स और अन्य कलाकारों से मिले थे। शनिवार को इस मुलाकात का वीडियो सामने आया, जिसमें पीएम मोदी ने सिर्फ 3 से 4 घंटे ही आराम करने के पीछे की वजह बताई।
एक एनसीसी कैडेट ने बातचीत के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी से कठिन सवाल किया और पूछा कि आप सिर्फ 3 से 4 घंटे आराम करते हैं। इतनी उम्र में मोटिवेशन और स्ट्रेंथ कहां से मिलती है? इस सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जब नौजवानों से मिलता हूं तो ऊर्जा मिलती है। जब उन्हें देखता हूं तो प्रेरणा मिल जाती है। किसान को याद करता हूं तो लगता है कितने घंटे काम करते हैं। देश के जवानों को याद करता हूं तो लगता है सीमा पर कितने समय खड़े रहते हैं। यानी हर कोई बहुत मेहनत करता है। हम उनकी तरह जीने और जानने की कोशिश करें तो हमें भी लगता है कि हमें सोने और आराम करने का हक नहीं है। जब ये लोग इतनी मेहनत करते हैं तो 140 करोड़ देशवासियों ने मुझे भी कर्तव्य दिया है।
PM मोदी ने बताई सफलता की परिभाषा
उसके पहले एक अन्य एनसीसी कैडेट ने सवाल किया कि सफलता की परिभाषा क्या होती है। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि हमें विफलता को स्वीकार ही नहीं करना चाहिए। जो विफलता को स्वीकार कर लेते हैं, विफलता की शरण ले लेते हैं वो कभी सफल नहीं हो पाते हैं। जो विफलता से सीखते हैं, वो शिखर पर पहुंचते हैं। इसलिए विफलता से कभी डरना नहीं चाहिए। विफलता से सीखने का जज्बा होना चाहिए और जो सीखता है वो शिखर पर पहुंचता है।
मोदी ने राष्ट्रीय एकता और विविधता के महत्व पर जोर दिया
इस चर्चा के समय पीएम मोदी ने राष्ट्रीय एकता और विविधता के महत्व पर जोर दिया। साथ ही सभी प्रतिभागियों से एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत करने के लिए दूसरे राज्यों के लोगों के साथ बातचीत करने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कैसे इस तरह की बातचीत समझ और एकता को बढ़ावा देती है, जो देश की प्रगति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जिम्मेदार नागरिक के रूप में कर्तव्यों को पूरा करना विकसित भारत के सपने को साकार करने की कुंजी है। प्रधानमंत्री आवास पर कलाकारों और एनसीसी कैडेट्स के साथ बातचीत के बाद भारत की समृद्ध संस्कृति और विविधता को दर्शाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए गए।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 25 January 2025 at 14:37 IST