अपडेटेड 9 December 2025 at 09:14 IST

121 बार वंदे मातरम्, 3 बार जिन्ना, 17 बार बंगाल... 60 मिनट के भाषण में PM मोदी ने क्या-क्या कहा? आज राज्यसभा में दहाड़ेंगे अमित शाह

बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'वंदे मातरम्' पर चर्चा के दौरान कई मुद्दों का जिक्र किया। आज गृहमंत्री अमित शाह राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत करेंगे।

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PM Modi, Amit Shah | Image: ANI

Parliament Winter Session: लोकसभा में सोमवार (8 दिसंबर 2025) को 'वंदे मातरम्' के 150 साल पूरे होने पर विशेष चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चर्चा की शुरुआत की और अपने एक घंटे की स्पीच में उन्होंने आजादी की लड़ाई में 'वंदे मातरम्' के योगदान की जमकर सराहना की। पीएम मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के साथ-साथ जिन्ना पर भी चुन-चुनकर जुबानी तीर छोड़े।

पीएम मोदी ने कहा कि 'वंदे मातरम्' अंग्रेजों को करारा जवाब था। ये नारा आज भी प्रेरणा दे रहा है। आजादी के समय यह महात्मा गांधी को भी पसंद था। उन्हें 1905 में ये गीत राष्ट्रगान के रूप में दिखता था। गांधी जी के लिए इस गीत की ताकत काफी बड़ी थी।'

वंदे मातरम् के साथ विश्वासघात क्यों हुआ?- PM

इस दौरान उन्होंने पिछले दशकों में इसके साथ हुए अन्याय को लेकर भी सवाल किए। उन्होंने आगे कहा, 'वंदे मातरम् इतना महान था, इसकी भावना इतनी महान थी तो फिर पिछली सदी में इसके साथ इतना बड़ा अन्याय क्यों हुआ? वंदे मातरम् के साथ विश्वासघात क्यों हुआ? वह कौन-सी ताकत थी जिसकी इच्छा पूज्य बापू की भावना पर भारी पड़ गई जिसने वंदे मातरम् जैसी पवित्र भावना को विवादों में घसीट दिया।'

वंदे मातरम् पर चर्चा में कितनी दफा जिक्र?

अपने 60 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने 121 बार वंदे मातरम्, 50 देश, भारत 35, अंग्रेज 34, बंगाल 17 और कांग्रेस का 13 दफा जिक्र किया। इसके अलावा उन्होंने वंदे मातरम् के रचयिता बंकिम चंद्र चटर्जी का नाम 10 बार, 7 बार नेहरू, 6 बार महात्मा गांधी, 5 बार मुस्लिम लीग, 3 बार जिन्ना , 3 बार संविधान, 2 बार मुसलमान और 3 बार तुष्टिकरण बोला।

पीएम मोदी का जवाहर लाल नेहरू पर निशाना

उन्होंने कहा, 'वंदे मातरम् के प्रति मुस्लिम लीग की विरोध की राजनीति तेज होती जा रही थी। मोहम्मद अली जिन्ना ने लखनऊ से 15 अक्टूबर 1937 को वंदे मातरम् के विरुद्ध नारा बुलंद किया। फिर कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष जवाहर लाल नेहरू को अपना सिंहासन डोलता दिखा। बजाय इसके कि नेहरू मुस्लिम लीग के आधारहीन बयानों को करारा जबाब देते, उसकी निंदा करते, लेकिन उल्टा हुआ। उन्होंने वंदे मातरम् की ही पड़ताल शुरू कर दी।'

'मुस्लिम लीग के दबाव में गीत के टुकड़े किए'

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मोहम्मद अली जिन्ना ने वंदे मातरम् के खिलाफ का नारा बुंलद किया तो तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष नेहरू ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पत्र लिखा। इसमें जिन्ना की भावना से सहमति जताते हुए कहा कि वंदे मातरम की आनंद मठ की पृष्ठभूमि मुसलमानों को इरिटेट कर सकती है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने वंदे मातरम् पर समझौता कर लिया और इसके टुकड़े कर दिए और इसके लिए सामाजिक सद्भाव का हवाला दिया गया। लेकिन इतिहास इस बात का गवाह है कि कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के सामने घुटने टेक दिए। कांग्रेस वंदे मातरम् के बंटवारे के लिए झुकी, इसलिए उसे एक दिन भारत के बंटवारे के लिए झुकना पड़ा।

राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत करेंगे शाह

अब लोकसभा के बाद आज, 9 दिसंबर 2025 को राज्यसभा में इस ऐतिहासिक गीत 'वंदे मातरम्' पर चर्चा होगी। जानकारी के मुताबिक, बीजेपी की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोपहर 1 बजे चर्चा की शुरुआत करेंगे। साथ ही, वरिष्ठ नेता राधामोहन दास अग्रवाल, के लक्ष्मण, घनश्याम तिवारी और सतपाल शर्मा भी अपना पक्ष रखेंगे। वहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा चर्चा का समापन करेंगे।  

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 9 December 2025 at 09:14 IST