अपडेटेड 21 September 2023 at 18:10 IST

Pitru Paksha 2023: कैसे किया जाता है पितरों का तर्पण, क्या है सही विधि और प्रार्थना मंत्र?

पितृ पक्ष में पितरों की आत्म तृप्ति के लिए जो भी कर्म श्रद्धा से किया जाता है, वह श्राद्ध कहलाता है। अगर आप पहली बार श्राद्ध करने जा रहे हैं, तो के तर्पण की सही विधि जरुर जान लें। 

Follow :  
×

Share


image- shutterstock | Image: self

Kaise Kiya Jata Hai Tarapan: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बेहद ही खास महत्व माना जाता है। इस दौरान पितरों की आत्मा तृप्ति के लिए श्राद्ध कर्म किया जाता है। मान्यता है कि मृतक का श्राद्ध या तर्पण न किया जाए तो उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलती और जीवन में पितृ दोष लगने से कई परेशानियां भी पैदा हो सकती हैं। ऐसे में पितरों का तर्पण या श्राद्ध करना बेहद जरूरी होता है, लेकिन आपको तर्पण कैसे किया जाता है और इसकी विधि क्या है इसके बारे में भी जानकारी होना जरूरी है, क्योंकि अगर सही तरीके से पितरों का श्राद्ध नहीं किया जाता है तो उनकी आत्म को शांति नहीं मिलती है। तो चलिए जानते हैं श्राद्ध की सही विधि क्या है?

स्टोरी में आगे ये पढ़ें....

  • कब से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष?
  • पितरों का तर्पण करने का प्रार्थना मंत्र?
  • कैसे किया जाता है पितरों का तर्पण क्या है पूरी विधि?  

कब से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष?

हर साल भादो माह की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है, जो अश्विन माह की अमावस्या तक चलती है। इस बार ये 29 सितंबर दिन शुक्रवार से शुरू हो रहा है, जो 14 अक्टूबर दिन शनिवार तक रहेगा।

पितरों का तर्पण करने का प्रार्थना मंत्र?

1. पितृभ्य:स्वधायिभ्य:स्वधा नम:।
पितामहेभ्य:स्वधायिभ्य:स्वधा नम:।
प्रपितामहेभ्य:स्वधायिभ्य:स्वधा नम:।
सर्व पितृभ्यो श्र्द्ध्या नमो नम:।।

2. ॐ नमो व :पितरो रसाय नमो व:
पितर: शोषाय नमो व:
पितरो जीवाय नमो व:
पीतर: स्वधायै नमो व:
पितर: पितरो नमो वो
गृहान्न: पितरो दत्त:सत्तो व:।।

कैसे किया जाता है पितरों का तर्पण, क्या है पूरी विधि?  

  • श्राद्ध या तर्पण करने से आपको पितृ दोष से मुक्ति मिलेगी और पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी, लेकिन इसके लिए सही विधि मालूम होना जरूरी है तो चलिए स्टेप बाई स्टेप जानते हैं।
  • जिस तिथि को माता-पिता, दादा-दादी या परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हुई हो उस तिथि पर ही उस व्यक्ति का तर्पण या श्राद्ध करना चाहिए।
  • तर्पण के समय सबसे पहले देवों के लिए तर्पण करें।
  • इसके लिए आपको कुश, अक्षत्, जौ और काला तिल का उपयोग करना चाहिए। तर्पण करने के बाद पितरों से प्रार्थना करनी चाहिए, ताकि वे संतुष्ट हों और आपको आशीर्वाद दें।
  • जब आप देवताओं के लिए तर्पण करें तो उस समय आप पूर्व दिशा में मुख करके कुश लेकर अक्षत् से तर्पण करें।
  • इसके बाद जौ और कुश लेकर ऋषियों के लिए तर्पण करें।
  • फिर उत्तर दिशा में अपना मुख कर लें। जौ और कुश से मानव तर्पण करें।
  • सबसे अंत में दक्षिण दिशा में मुख कर लें और काले तिल व कुश से पितरों का तर्पण करें।

यह भी पढ़ें... Pitru Paksha 2023: बेटा न होने पर कौन कर सकता है पितरों का श्राद्ध, जानें इसके क्या हैं नियम?

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

यह भी पढ़ें... Types Of Pitra Dosh: कब से शुरू हो रहा है पितृपक्ष? जानें कितने प्रकार के होते हैं पितृ दोष और उपाय

Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 21 September 2023 at 18:08 IST