अपडेटेड 2 April 2025 at 13:48 IST
'मैं कितनी हिम्मत से बोल रहा हूं...', वक्फ बिल सदन में रखा, फिर बोले किरेन रिजिजू- सराहो तो; हंस पड़े अमित शाह
लोकसभा में वक्फ विधेयक पर तनाव के बीच किरेन रिजिजू ने अपनी शायरी से माहौल बदल दिया। किरेन रिजिजू ने लोकसभा में बुधवार को वक्फ संशोधन बिल पेश किया।
Waqf Bill: लोकसभा में वक्फ विधेयक पर तनाव के बीच किरेन रिजिजू ने अपनी शायरी से माहौल बदल दिया। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में बुधवार को वक्फ संशोधन बिल पेश किया। उसके बाद उन्होंने विस्तार से विधेयक के बारे में जानकारी दी और हर प्वाइंट को समझाया। अपने भाषण के आखिर में किरेन रिजिजू ने एक शायरी पढ़ी और मंत्री की बात सुनकर सदन में मौजूद अमित शाह भी हंस पड़े। उनके बगल में बैठे राजनाथ सिंह को भी हंसते हुए देखा गया।
किरेन रिजिजू ने लोकसभा में अपील और शायरी के साथ अपनी बात को पूरा किया। शायरी पढ़ने से पहले वक्फ बिल पर उन्होंने कहा कि देखो मैं कितनी हिम्मत से बोल रहा हूं। रिजिजू की इस बात पर सदन में ठहाके लगे। अमित शाह और राजनाथ सिंह मुस्कराए तो रिजिजू के पास बैठे पीयूष गोयल भी हंसते रहे। शायरी पढ़ते हुए किरेन रिजिजू ने कहा- 'मेरी हिम्मत को तो सराहो, मेरे हम राही बनो। मैंने एक शमा जलाई है, हवाओं के खिलाफ।' रिजिजू ने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने मेरे जैसे एक साधारण सदस्य को पुण्य काम करने का मौका दिया है, इस बिल (वक्फ बिल) को लाने का मौका दिया है।
किरेन रिजिजू ने विपक्ष के सदस्यों पर कसा तंज
भाषण खत्म करते-करते किरेन रिजिजू ने विपक्ष के सदस्यों पर भी कटाक्ष कर दिया। अपने बयान में किरेन रिजिजू ने कहा कि करोड़ों गरीब मुसलमान दुआ देने वाला है। ये दुआ मैं अकेला क्यों लू, आप (विपक्ष) को भी लेनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री की बात सुनने के बाद सदन में बैठे सदस्य फिर हंसने लगे। एनडीए के सदस्यों ने मेज थपथपाकर किरेन रिजिजू के भाषण का समर्थन किया। उसके बाद सदन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को बधाई के तौर पर किरेन रिजिजू से हाथ मिलाते हुए भी देखा गया।
वक्फ बिल पर क्या बोले किरेन रिजिजू
इसके पहले लोकसभा में वक्फ बिल पर किरेन रिजिजू ने कहा कि इस विधेयक में कुछ विसंगतियां थीं, इसलिए इसमें संशोधन करना जरूरी था। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा कि कोई भी भारतीय वक्फ बना सकता है, लेकिन 1995 में ऐसा नहीं था। 2013 में आपने इसमें बदलाव किए और अब हमने 1995 के प्रावधान को बहाल कर दिया है। इससे ये सुनिश्चित हो गया है कि सिर्फ वही व्यक्ति वक्फ बना सकता है जिसने कम से कम पांच साल तक इस्लाम का पालन किया हो।
रिजिजू ने सदन में स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड के प्रावधानों का किसी मस्जिद, मंदिर या धार्मिक स्थल के प्रबंधन से कोई लेना-देना नहीं है। ये सिर्फ संपत्ति प्रबंधन का मामला है। विपक्ष के आरोपों के बीच रिजिजू ने कहा कि अगर कोई इस बुनियादी अंतर को समझने में विफल रहता है या जानबूझकर नहीं समझना चाहता है तो मेरे पास इसका कोई समाधान नहीं है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि वक्फ विधेयक किसी भी धार्मिक व्यवस्था और किसी भी धार्मिक संस्था या किसी भी धार्मिक प्रथा में किसी भी तरह से हस्तक्षेप नहीं कर रहा है।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 2 April 2025 at 13:48 IST