अपडेटेड 7 February 2025 at 11:16 IST
'सभापति जी आप भी बड़ा मजा लेते हैं', राज्यसभा में धनखड़ के लिए क्यों कही PM मोदी ने ऐसी बात, जिसे सुन ठहाके लगाने लगे सांसद
Rajya Sabha: PM नरेंद्र मोदी राज्यसभा में कांग्रेस के शासनकाल की बुराइयों और नाकामियों को गिना रहे थे। उसी बीच में मल्लिकार्जुन खड़गे टिप्पणी करने लगे थे।
PM Narendra Modi: संसद के बजट सत्र के दौरान हर रोज विपक्ष के लगातार हंगामे के बीच गुरुवार को हंसी मजाक का दौर देखा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर जवाब दे रहे थे। कांग्रेस को घेरने और मल्लिकार्जुन खड़गे की टीका-टिप्पणी के बाद सदन में बात शेरो शायरी तक पहुंच गई। यहां पीएम मोदी ने मल्लिकार्जुन खड़गे की शायरी का जिक्र किया और इस दौरान उन्होंने जनदीप धनखड़ को लेकर भी कह दिया कि सभापति आप भी मजा लेते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी राज्यसभा में कांग्रेस के शासनकाल की बुराइयों और नाकामियों को गिना रहे थे। उसी बीच में मल्लिकार्जुन खड़गे टिप्पणी करने लगे थे। कांग्रेस अध्यक्ष की बात को पीएम मोदी ने सुना और उसके बाद शायरी और प्रशंसा का दौर शुरू हुआ। सभापति जगदीप धनखड़ की ओर इशारा करते हुए पीएम मोदी बोले कि मल्लिकार्जुन खड़गे आपके सामने बढ़िया-बढ़िया शेर सुनाते रहते हैं। और उनका शौक है शेर सुनाने का। पीएम मोदी की इस बात पर सदन में बैठे सदस्य हंसने लगे। खुद प्रधानमंत्री के चेहरे पर भी हंसी थी।
जब जगदीप धनखड़ के लिए PM मोदी ने बोली बात
पीएम मोदी की बात पर खड़गे समेत विपक्ष में बैठे सदस्य हंसते दिखे। यहां सभापति जगदीप धनखड़ भी हंस रहे थे। इसी दौरान पीएम मोदी ने सभापति जगदीप धनखड़ को भी अपनी बात में शामिल कर लिया और कहा कि सभापति जी आप भी बड़ा मजा लेते हैं। प्रधानमंत्री के इतना कहते ही पूरे सदन में जोर-जोर से ठहाके लगने लगे। जगदीप धनखड़ भी तेजी से हंस पड़े।
राज्यसभा में PM मोदी ने पढ़ा शेर
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में एक शेर पढ़ा। पीएम मोदी ने कहा- 'तमाशा करने वाले को क्या खबर, तमाशा करने वाले को क्या खबर...हमने कितने तूफानों को पार कर दीया जलाया है, हमने कितने तूफानों को पार कर दीया जलाया है।' सदन में बैठे सत्तापक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपाकर पीएम मोदी के शेर की वाहवाही की।
यहां पीएम मोदी ने कवि नीरज की कविता की कुछ पंक्तियां भी बढ़ीं। उन्होंने कहा- 'है बहुत अंधियारा अब सूरज निकलना चाहिए, जिस तरह से भी हो ये मौसम बदलना चाहिए।' राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार का जो दौर था, उस समय नीरज जी ने ये कविताएं लिखी थीं। कवि नीरज ने कांग्रेस के उस कालखंड में ये कविता कही थी, 1970 में जब कांग्रेस चारों तरफ कांग्रेस ही कांग्रेस का राज चलता था।'
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 7 February 2025 at 11:16 IST