अपडेटेड 27 May 2025 at 09:12 IST

कर्ज, कथा और आत्महत्या... पंचकूला में एक ही परिवार के 7 लोगों ने क्यों चुनी मौत? याद आया दिल दहलाने वाला बुराड़ी कांड

Panchkula family suicide: हरियाणा के पंचकूला से इस वक्त की सबसे बड़ी और दिल दहला देने वाली खबर आई है, जहां देहरादून से आए एक ही परिवार के 7 लोगों ने सामूहिक रूप से आत्महत्या कर ली।

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पंचकूला में सात लोगों ने की आत्महत्या | Image: ANI

Panchkula family suicide: हरियाणा के पंचकूला से इस वक्त की सबसे बड़ी और दिल दहला देने वाली खबर आई है, जहां देहरादून से आए एक ही परिवार के 7 लोगों ने सामूहिक रूप से आत्महत्या कर ली। यह घटना पंचकूला के सेक्टर 27 की है, इस सामूहिक आत्महत्या कांड ने दिल्ली के बुराड़ी कांड की यादें ताजा कर दीं।

हरियाणा में पंचकूला के सेक्टर 27 में 7 लोगों ने जान दी, समय सोमवार रात करीब 10 बजे का बताया जा रहे है, मृतकों में प्रवीण मित्तल (42), उनके माता-पिता, पत्नी और तीन बच्चे (2 बेटियां, 1 बेटा) शामिल है। बताया जा रहा है कि आत्महत्या कार में बैठकर जहर पीकर की गई। जिसके बाद एक मकान के बाहर खड़ी कार में सभी के शव मिले। हैरान कर देने वाली बात यह भी है कि मौके से दो पन्नों का सुसाइड नोट बरामद हुआ।

पुलिस ने शुरुआती जांच में क्या बोला ? 

डीसीपी पंचकूला हिमाद्री कौशिक ने जानकारी दी कि, 'हमें सूचना मिली कि 6 लोगों को ओजस अस्पताल लाया गया है। वहां पहुंचने पर पता चला कि वे मृत हैं। एक व्यक्ति को सिविल अस्पताल लाया गया, उसे भी मृत घोषित किया गया। प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है। फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच के लिए नमूने जुटाए हैं। शवों को सेक्टर 6, 21 और 26 के अस्पतालों की मोर्चरी में रखवाया गया है।

कर्ज और मानसिक तानव आत्महत्या के संभावित कारण

मिली जानकारी के मुताबिक, मृतक परिवार देहरादून से पंचकूला हनुमंत कथा में भाग लेने आया था। कथा समाप्त होने के बाद जब वे वापस लौट रहे थे, तब उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। मौके से बरामद दो पन्नों के सुसाइड नोट में बताया गया है कि परिवार को भारी कर्ज था। एक टूर एंड ट्रैवल बिजनेस में हुए घाटे ने उन्हें इस हद तक मजबूर कर दिया।

प्रत्यक्षदर्शी की गवाही 

स्थानीय लोगों में से घर के पास गाड़ी में ऐसा कांड होने के बाद हर्ष राणा ने बताया- 'रात 9 बजे कार खड़ी दिखी। एक घंटे बाद जब जाकर देखा तो भीतर 6 लोग मृत थे और एक शख्स जीवित था। वह ड्राइविंग सीट पर बैठा था। वह प्रवीण मित्तल थे। जब उनसे पूछा गया कि ऐसा क्यों किया, उन्होंने कहा - परिवार पर बहुत कर्ज था। होटल नहीं मिला, तो कार में ही रुकने का फैसला किया और फिर सबने जहर खा लिया।' जिसके बाद गवाह हर्ष राणा ने पुलिस को सूचना दी और एम्बुलेंस बुलाई। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

गाड़ी के मिले सामान के बाद झलकती योजना 

कार से मिले बैग्स, बच्चों की किताबें, चाबियों वाला पर्स इस बात की ओर इशारा करते हैं कि परिवार ने आत्महत्या से पहले पूरी तैयारी की थी। ये आत्महत्या अचानक नहीं, एक योजनाबद्ध कदम था। 

क्या यह दूसरा बुराड़ी कांड है?

2018 के बुराड़ी कांड में दिल्ली के भाटिया परिवार के 11 सदस्यों ने आत्महत्या की थी। उसमें भी रहस्यमयी नोट्स, परिवार के धार्मिक जुड़ाव और मनोवैज्ञानिक पहलू सामने आए थे। पंचकूला की घटना में भी धार्मिक आयोजन (हनुमंत कथा), आर्थिक तंगी और पूरा परिवार एक साथ मौत को चुनने जैसे चौंकाने वाले समान बिंदु हैं।

आत्महत्या कांड से उठे सवाल जिनके जवाब बाकी हैं 

  • क्या मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या थी?
  • परिवार को मदद क्यों नहीं मिल पाई?
  • क्या धार्मिक आस्था के साथ निराशा का मेल जानलेवा हो गया?

इस घटना ने एक बार फिर यह दिखाया कि आर्थिक तंगी, मानसिक तनाव या डिप्रेशन और सामाजिक चुप्पी कैसे किसी को मौत की ओर ले जा सकते हैं। यह सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज की विफलता है कि वह अपने सदस्यों की पीड़ा को पहचान नहीं सका।

निशुल्क मदद लें, फोन पर बात करें

पुलिस नागरिकों से अपील करती है कि वे ऐसी स्थितियों में समय पर सहायता लें और अपने आसपास के लोगों की मानसिक स्थिति पर नजर रखें। सुसाइड हेल्पलाइन नंबर 9152987821 पर भी संपर्क किया जा सकता है। प्रवीण मित्तल और उनके परिवार की मौतें फिलहाल रहस्यमयी बनी हुई है। कर्ज, हताशा, और सामाजिक अलगाव जानलेवा हो सकते हैं। यह जिम्मेदारी केवल प्रशासन की नहीं, हम सबकी है कि हम मानवता के प्रति संवेदनशील रहें और किसी की चुप्पी में छिपी चीख को पहचान सकें। 

बुराड़ी डेथ मिस्ट्री आज तक नहीं सुलझी ?

दिल्ली में बुराड़ी के संतनगर में 1 जुलाई की सुबह एक ही परिवार के 11 लोग घर में मृत मिले थे। घर की पहली मंजिल पर 77 साल की नारायण देवी और उनके दो बेटों का परिवार रहता था। सभी की फंदे से लटकने से मौत हुई थी।

नारायण देवी, उनके बेटे भुवनेश उर्फ भूप्पी (50) और ललित (45), भुवनेश की पत्नी सविता (48) और बच्चे नीतू (25), मोनू (23) और ध्रुव (15), ललित की पत्नी टीना (42) और इकलौते बेटे शिबू उर्फ शिवम (15) का शव मिला।  यहीं रहने वाली नारायण की विधवा बेटी प्रतिभा (57) और 33 साल की दोहती प्रियंका भी मृत मिलीं। इस सामूहिक आत्महत्या कांड की गुत्थी आज तक नहीं सुलझ पाई।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 27 May 2025 at 09:12 IST