अपडेटेड 7 January 2023 at 14:28 IST
धार्मिक वीजा पर पाकिस्तान से जोधपुर आए हिंदूओं ने सुनाई भयावह आपबीती, बोले- 'मर जाएंगे लेकिन वापस नहीं जाएंगे'
Pakistani Hindus Reached Jodhpur Rajasthan: पाकिस्तान (Pakistani ) में रह रहे हिंदूओं पर दिन-ब-दिन जुल्म बढ़ता ही जा रहा है।
Pakistani Hindus Reached Jodhpur Rajasthan: पाकिस्तान (Pakistani ) में रह रहे हिंदूओं पर दिन-ब-दिन जुल्म बढ़ता ही जा रहा है। अत्याचार का आलम ये है कि धार्मिक वीजा पर भारत आए पाकिस्तानी हिंदू अब वहां वापस जाने को तैयार नहीं है। रिपब्लिक भारत की टीम ने ऐसे ही पीड़ित लोगों से बात की और उनका दर्द जाना। पढ़िए राजस्थान के जोधपुर (Pakistani Hindus Reached Rajasthan) से रिपब्लिक भारत की एक्सक्लुसीव रिपोर्ट।
पाकिस्तान को बने भले ही 75 साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन वहां रह रहे हिंदुओं के लिए अब तक कुछ नहीं बदला। दिन-ब-दिन वहां के हिंदुओं की हालत और दयनीय होती जा रही है। सबसे ज्यादा मार वहां के महिलाओं पर पड़ी है, जिन्हें आए दिन घर से जबरन उठाकर ले जाते है, उनका यौन शोषण करते है और फिर उन्हे धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता है ।
पाकिस्तान में रह रहे हिंदू प्रताड़ित हो रहे हैं, इसकी खबरें तो अक्सर सामने आती है, लेकिन ये प्रताड़ना कैसी और कितनी भयावह है, ये कम ही सामने आ पाता है। रिपब्लिक भारत की टीम ने पाकिस्तान से धार्मिक वीजा पर भारत आए पाक हिंदुओं से बातचीत की और उनसे जाना कि वहां कैसे हालातों में जीवन गुजारना होता है। पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार का आलम ये है कि वीजा खत्म होने के बाद भी अब ये भारत से जाने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि वो मर जाएंगे लेकिन पाकिस्तान वापस नहीं जाएंगे ।
पाकिस्तान से आए हिंदुओं का कहना है सबसे ज्यादा दु्र्गति वहां रहने वाली महिलाओं की हो रही है । आए दिन लड़कियों को छेड़ते है, स्कूल नहीं जाने देते, दिन के उजालों में बेटियों की इज्जत चौराहे पर नीलाम कर दी जाती हैं। अगर घर की बेटियों को बचाने के लिए कोई आवाज उठाता हैं तो उसे दर्दनाक मौत मिलती है। यहीं नहीं इन महिलाओं ने पाकिस्तान में हुए जुर्म की वो दास्तान सुनाई है जिसको सोचकर और सुनकर रूह कांप जाए ।
पाकिस्तान में पूरी जिंदगी बिता चुके लोगों का कहना है कि उनके साथ अब अत्याचार पहले के मुकाबले और बढ़ गए हैं। हालात ये हो चुके हैं कि अब घर से बाहर निकले तो जिंदगी बचेगी या नहीं, इसका कुछ पता नहीं है। पाकिस्तान में रहने की तुलना वो मौत से खेलना जैसा बताते हैं।
यहीं नहीं पाकिस्तान में पूजा पाठ करने पर भी वहां पाबंदी है, लोग छिपकर पूजा पाठ करते हैं। आए दिन उनके मंदिरों को निशाना बनाते और उसे तोड़ देते हैं । पाकिस्तान में रहने के लिए शर्त ये रखी जाती है कि यहां जिंदा रहना है तो हमारे हिसाब से जीना होगा। लोगों ने स्कूलों में भी बच्चों को कलमा पढ़ाने की बात कही ।
इज्जत से जोधपुर में रह रहे बुजुर्गों का कहना है कि जिंदगी बीत गई लेकिन पाकिस्तान में इज्जत नहीं मिली, यहां अभी भले ही नागरिकता ना मिली हो, कम से कम लोग इज्जत से बात तो करते हैं। इसके लिए इन लोगों ने मोदी सरकार का धन्यवाद जताया। इनका कहना है कि पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार अब इस लिए भी ज्यादा बढ़ गया है क्योंकि भारत में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। पाकिस्तान में सबसे ज्यादा मंदिर राम मंदिर का फैसला आने के बाद तोड़े गए हैं और उसी के बाद हम पर सबसे ज्यादा अत्याचार बढ़ चुके हैं। मजबूरन अब हमें भारत का रुख करना पड़ रहा है।
पाकिस्तान में 95 प्रतिशत मुस्लिम हैं और शेष पांच प्रतिशत अन्य समुदाय के लोग रहते हैं। इनमें सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय हिंदू है, लेकिन कुल जनसंख्या में उसकी भागीदारी लगभग डेढ़ प्रतिशत बची है।
भारत आए इन लोगों ने पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ हो रहे व्यवहार की कलई खोलकर रख दी है। ऐसे में फख्र होता है भारत पर कि भारत न सिर्फ भारतीय अल्पसंख्यकों का अपना है बल्कि वो पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के लिए भी बाहें फैलाए है। इन शरणार्थियों की आपबीती सुनने के बाद भारत के अल्पसंख्यक तो खुद को फख्र से भारतीय कहेंगे लेकिन इन शरणार्थियों को फख्र करने के लिए पाकिस्तान ने शायद कुछ भी नहीं दिया।
Published By : Chandani sahu
पब्लिश्ड 7 January 2023 at 14:28 IST