अपडेटेड 24 April 2025 at 22:11 IST
यात्रियों में भयानक दहशत...10000 पर्यटकों ने छोड़ा प्रदेश, 4000 कतार में, पहलगाम हमले से जम्मू-कश्मीर को कितना बड़ा नुकसान?
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से वहां मौजूद पर्यटकों में डर का माहौल है। जानकारी के अनुसार छुट्टियां मनाने पहुंचे लोग घटना के बाद से जल्दी-जल्दी घर लौट रहे।
पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद, जम्मू-कश्मीर आने वाले पर्यटकों में भय और चिंता समाया हुआ है। बता दें, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के आतंकी हमले में एक भारतीय की भी मौत हुई है। इस कारण से कई लोगों ने यहां आने की योजना रद्द कर दी है। लोग जल्दी-जल्दी अपने राज्यों में अपने घर वापस लौटना चाहते हैं। DGCA की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 24 अप्रैल (गुरुवार) को श्रीनगर एयरपोर्ट से कुल 10,090 यात्री रवाना हुए, जबकि 4,107 यात्री पहुंचे।
सुबह 6 बजे से शाम 8 बजे के बीच श्रीनगर एयरपोर्ट से अलग-अलग स्थानों के लिए कुल 110 उड़ानें संचालित हुईं। इसमें बढ़ती मांग को देखते हुए श्रीनगर मार्ग पर संचालित अतिरिक्त उड़ानें भी शामिल हैं। इसे लेकर छत्तीसगढ़ की एक पर्यटक ने बताया कि इस स्थिति ने उनके परिवार को किस तरह से प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, "हम 22 अप्रैल को पटनीटॉप में थे। हमें मेरी सास का फोन आया और उन्होंने पूछा कि क्या हम पहलगाम में हैं। हमारे परिवार ने हमें फोन किया और जल्द से जल्द वापस लौटने के लिए कहा क्योंकि वे डरे हुए थे क्योंकि मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही थी। रायपुर की मेरी दोस्त के पति भी हमले में मारे गए।"
हफ्तेभर घूमने का बनाया था प्लान लेकिन बीच में ही लौट रहे
कई लोग तो ऐसे थे, जिन्होंने पूरे एक सप्ताह की छुट्टी लेकर यहां रहने और घूमने के लिए आए थे। हालांकि, हमले के बाद लोग पूरी छुट्टी बिताए बिना बीच में ही वापस घर लौट रहे हैं। एक पर्यटक ने कहा, "हमने 7 दिन की यात्रा की योजना बनाई थी। हमने इसे रद्द कर दिया है, और अब हम भद्रवाह में हैं। हम निकलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सभी रास्ते बंद हैं। देखते हैं क्या होता है।"
छत्तीसगढ़ के दिनेश का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा
बता दें, पहलगाम हमले में जिन 28 लोगों की मौत हुई है, उसमें दिनेश मिरानिया नाम के एक शख्स छत्तीसगढ़ के ही हैं। दिनेश का का पार्थिव शरीर गुरुवार को छत्तीसगढ़ के रायपुर में उनके निवास पर पहुंचा। कई नेता मिरानिया के अंतिम संस्कार में शामिल होने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। मिरानिया उन 28 लोगों में से एक थे, जिन्हें आतंकियों ने धर्म पूछकर अपना निशाना बनाया।
हाल के वर्षों में पुलवामा के बाद दूसरा सबसे घातक हमला
इससे पहले 2019 में पुलवामा हमले में हमारे 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे। यह अब तक का सबसे खतरनाक हमला है। यह हमला 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद इस क्षेत्र में सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक था। भारत के लोगों में इस हमले को लेकर काफी गुस्सा है। लोगों ने इसके जवाब में, केंद्र सरकार ने बुधवार को अटारी आईसीपी को बंद करने की घोषणा के साथ-साथ भारत और पाकिस्तान में उच्चायोगों की संख्या घटाकर 30-30 कर दी और सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) वीजा को निलंबित कर दिया।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए सभी एसवीईएस वीजा रद्द माने जाएंगे। एसवीईएस वीजा के तहत भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय है।"
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 24 April 2025 at 22:11 IST