अपडेटेड 10 June 2023 at 11:23 IST
आम लड़कियों की तरह देवी को भी होते हैं पीरियड्स, प्रसाद में मिलती है अनोखी चीज
51 शक्तिपीठों में से एक लोकप्रिय शाक्तिपीठ कामाख्या देवी मंदिर में मूर्ति की नहीं देवी मां के योनि की पूजा की जाती है और आम लड़िकयों की तरह इन्हें भी मासिक धर्म के चक्र से गुजरना पड़ता है।
Kamakhya Devi Temple: हर महीने मासिक धर्म के दर्द से गुजरने वाली महिलाओं को न सिर्फ पीरियड्स में होने वाली तकलीफों से गुजरना पड़ता है बल्कि इसके साथ-साथ उन्हें इस दौरान कई तरह की पाबंदियों का सामना भी करना पड़ता है, जिनमें से एक भगवान की पूजा भी शामिल है। दरअसल, मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को मंदिर जाने और पूजा पाठ करने की मनाही होती है, लेकिन भारत में एक ऐसा मंदिर भी है जहां खुद देवी को पीरियड्स होते हैं और यहां पीरियड्स को पवित्र माना जाता है। यहां दर्शन करने पहुंचे भक्तों को अनोखा प्रसाद भी दिया जाता है। आइए इस मंदिर के बारे में जानते हैं।
हम बात कर रहे हैं 51 शक्तिपीठों में से एक लोकप्रिय शाक्तिपीठ कामाख्या देवी मंदिर की, जो असम की राजधानी दिसपुर से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर नीलांचल के पहाड़ों पर स्थित है। इस मंदिर के गर्भगृह में मूर्ति नहीं, बल्कि एक योनि की आकृति का पत्थर है जिसकी पूजा की जाती है। दरअसल, पौराणिक मान्यता है कि यहां देवी सती की योनि गिरी थी और इसी रूप में उनकी पूजा की जाती है। कहते हैं कि हर साल जून के महीने में 3 दिन मां मासिक धर्म के चक्र में होती है। उनके शरीर से रक्त निकलता है। इस बात का सबूत देती है ब्रह्मपुत्र नदी। इस नदी के पानी का रंग मां के रक्त श्राव से लाल हो जाता है।
जून महीने में शुरू होते हैं देवी मां को पीरियड्स
हर साल यहां 22 जून से मेला लगता है जिसे अंबुबाची मेला कहा जाता है। इस दौरान मां को मासिक धर्म शुरू होते हैं और मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं, उनके दर्शन नहीं किए जा सकते हैं। फिर तीन दिन के बाद पीरियड्स खत्म होने पर उन्हें स्नान व श्रृंगार कराया जाता है। इसके बाद उनके दर्शन किए जाते हैं। इस दौरान यहां मौजूद ब्रह्मपुत्र नदी के लाल हो चुके पानी को प्रसाद के रूप में देवी के दर्शन करने पहुंचे भक्तों को बांटा जाता है।
यह भी पढ़ें... Mangalvar Vrat: कब से शुरू करना चाहिए मंगलवार का व्रत, इन नियमों के पालन से प्रसन्न होते हैं बजरंगबली
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 10 June 2023 at 11:22 IST