अपडेटेड 7 May 2025 at 06:46 IST

Mock drill के चक्कर में रह गया Pakistan, भारतीय सेना ने 100 KM अंदर घुसकर 9 आतंकी ठिकानों पर बारूद से लिख दिया- Jai Hind...

पहलगाम हमले के बाद Mock drill के चक्कर में रह गया Pakistan और भारतीय सेना ने 100 KM अंदर घुसकर 9 आतंकी ठिकानों पर बारूद से Jai Hind लिख दिया।

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ऑपरेशन सिंदूर | Image: x/Canva

22 अप्रैल को पाकिस्तान पोषित आतंकियों ने भारत के पहलगाम में हमला किया, और 7 मई को घर में घुसकर बदला ले लिया। 22 अप्रैल को आतंकियों ने हमारे लोगों को मौत के घाट उतारकर कहा था मोदी को बता देना। 7 मई को मोदी ने घर में घुसकर बता दिया। वैसे तो आज देशभर में मॉक ड्रिल होने वाली थी, लेकिन हमरी भारतीय सेना के शौर्य ने मॉक  ड्रिल से पहले ही दुश्मनों के घर में घुसकर धुआं-धुआं कर दिया।

लोगों का मानना है कि भारत के प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी जो कहते हैं, वो तो करते ही हैं, लेकिन जो नहीं कहते हैं वो पहले कर देते हैं। सायरन तो भारत में बजने वाला था, लेकिन भारत से पहले भारतीय सेना ने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए। भारतीय सेना ने 100 किलोमीटर अंदर घुसकर पाकिस्तान द्वारा पोषित आतंकियों को सबक सिखा दिया। 

गृह मंत्रालय की ओर से निर्देश जारी कर ये जानकारी दी गई कि 7 मई, बुधवार को देश के अलग-अलग शहरों में मॉक ड्रिल होगी। गृह मंत्रालय की ओर से इसे लेकर एक आदेश भी जारी किया गया। 

सेना ने इन 9 जगहों को ठिकाना बनाया

ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में करीब 9 जगहों पर आतंकी ठिकानों मुरीदके, भावलपुर, मुजफ्फराबाद में दो निशाने, गुलपुर,भुमर, चकमरू, कोटली, सियालकोट के पास एक शिविर को निशाना बनाया है। भारतीय सेना ने ट्वीट कर लिखा, “इंसाफ हो गया। जय हिंद भारत अमर रहे।”

क्यों रखा गया अभियान का नाम ऑपरेशन सिंदूर?

दरअसल, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक टूरिस्ट प्लेस पर आतंकियों ने निहत्थे लोगों पर हमला कर दिया। वैसे तो उस जगह सभी धर्मों और जेंडर के इंसान मौजूद थे, लेकिन आतंकियों ने वहां मौजूद लोगों में हिंदु पुरुषों को निशाना बनाया। पुरुषों से उनका धर्म पूछकर, उनकी पत्नी, बच्चे और माता-पिता के सामने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। वहां कई नवविवाहित जोड़े शादी के बाद हनीमून मनाने के लिए पहुंचे थे। इनमें से ही एक थीं हिमांशी और उनके पति लेफ्टिनेंट विनय नरवाल।

हिमांशी और विनय की शादी के तुरंत बाद हनीमून मनाने के लिए जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे। हिमांशी के हाथों की मेहंदी भी नहीं छूटी थी, कि उन आतंकियों ने उसकी मांग का सिंदूर मिटा दिया। 22 अप्रैल को केवल हिमांशी ही नहीं ना जाने कितनी पत्नियों की मांग से सुर्ख लाल सिंदूर हमेशा के लिए आतंकियों ने मिटा दिया। किसी की शादी को कुछ चार दिए हुए थे, तो किसी ने महीनेभर पहले नए सफर की शुरुआत की थी। भारतीय सेना का ये ऑपरेशन उन सूनी मांगों की लाली को श्रद्धांजलि है। उन पत्नियों के आंसू का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने इसका नाम ऑपरेशन सिंदूर रखा है।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 7 May 2025 at 06:46 IST