अपडेटेड 14 June 2024 at 16:15 IST

OBC और SC-ST के फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश, क्राइम ब्रांच ने 4 को किया अरेस्ट

दिल्ली क्राइम ब्रांच ने OBC और SC-ST की फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले गैंग के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।

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दिल्ली पुलिस ने OBC और SC-ST के फेक सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश। | Image: Republic

दिल्ली क्राइम ब्रांच ने OBC और SC-ST की फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले गैंग के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। बता दें, दिल्ली क्राइम ब्रांच ने एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया। जो लोग OBC और SC-ST सर्टिफिकेट पाने के हकदार नहीं होते थे, ये गिरोह उनके लिए फर्जी सर्टिफिकेट बनाया करते थे। बदले में उनसे मोटी रकम लेते थे।  

क्राइम ब्रांच की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार ये फेक सर्टिफिकेट दिल्ली सरकार के पोर्टल पर भी उपलब्ध है। जनरल कैटेगरी के लोगों के लिए ये गिरोह फेक सर्टिफिकेट बनाकर ढाई से तीन हजार रुपए में लिया करते थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम सौरभ गुप्ता, चेतन यादव, वारिस और नरेंद्र पाल सिंह हैं। हैरानी की बात ये है कि जिस एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को गिरफ्तार किया गया है, उसके पास से करीब 100 से ज्यादा फेक सर्टिफिकेट जब्त किए गए हैं। 

रंगे हाथों पकड़ा गया एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को एक इनपुट मिली थी, जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए एक जाल बिछाया, जिसमें मजिस्ट्रेट (तहसीलदार), दिल्ली कैंट, रेवेन्यू डिपार्टमेंट, NCT ऑफ दिल्ली भी रंगे हाथों पकड़े गए। पुलिस ने इन्हें रंगे हाथ पकड़ने के लिए अपने ही एक मुखबीर को जनरल कैटेगरी का बनाकर फर्जी सर्टिफिकेट बनाने के लिए भेज दिया।

दिल्ली सरकार के रेवेन्यू विभाग ने अपलोड किया फर्जी सर्टिफिकेट

रेवेन्यू विभाग सरकार की ओर से पुलिस के मुखबीर को ओबीसी सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया। वहीं इस सर्टिफिकेट के लिए आरोपियों ने उससे 3500 रुपये वसूले थे। इसके साथ ही फर्जी सर्टिफिकेट को दिल्ली सरकार की रेवेन्यू वेबडिटेल्स पर भी उपलोड कर दिया गया। इस गिरोह को चौतरफा घेरने के लिए पुलिस ने एक और जाल फेका। इस बार दूसरा शख्स वहां पर पहुंचा। गिरोह ने उसका भी फेक सर्टिफिकेट बना दिया। इस बार आरोपियों ने शख्स से तीन हजार रुपए वसूले। पुलिस ने ऑनलाइन पेमेंट की भी जानकारी हासिल की, जिसके बाद इंस्पेक्टर सुनील कुमार की टीम ने सभी दस्तावेज के आधार पर रेड डाली और कई सबूत हाथ लगे।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 14 June 2024 at 16:15 IST