अपडेटेड 19 August 2021 at 09:35 IST
ग्रेटा-मियां खलीफा और रेहाना पर भड़कीं कंगना रनौत, कहा- 'तालिबान पर बोलने का समय आया तो क्या फेविकोल पी लिया?'
कंगना रनौत ने भारत के किसान आंदोलन पर बोलने वालीं ग्रेटा, रिहाना और मिया खलीफा पर निशाना साधा है।
अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान के कब्जे के बाद दुनिया भर में इसकी चर्चा हो रही है। तालिबान शरिया कानून को बढ़ावा दे रहा है। इससे दुनियाभर के लोग चिंतित हैं। भारत में भी मशहूर हस्तियों ने तालिबान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
वहीं बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने भारत के किसान आंदोलन पर बोलने वालीं ग्रेटा, रिहाना और मिया खलीफा पर निशाना साधा है। कंगना रनौत ने कहा है कि कहां गईंं ग्रेटा, मिया खलीफा और रेहाना? जो तथाकथित हिंदुस्तानी किसानों और खालिस्तानियों की वकालत कर रही थीं। कंगना रनौत ने भड़कते हुए कहा कि तालिबान पर बोलने का समय आया तो क्या ये लोग फेविकोल पीकर बैठी हैं?
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कंगना ने शरिया कानून पर किया वार
राजनीति से लेकर सामाजिक मुद्दों पर अपनी बात रखने वालींं कंगना ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे और शरिया कानून पर भी वार किया। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट के जरिए बताया कि आखिर शरिया क्या है? कंगना ने लिखा, "इंस्टाग्राम पर मुझे कोई नाराजगी नहीं दिख रही है, क्योंकि अफगानिस्तान से लोकतंत्र का सफाया करके शरिया कानून लागू कर दिया गया है।"
कंगना ने आगे लिखा, "वास्तव में बंगाल के कुछ हिस्सों में भी शरिया कानून का प्रयोग किया जा रहा है। शरिया कानून के तहत, अगर महिलाएं बुर्का नहीं पहनती हैं तो उन्हें खुलेआम पीटा जाता है। सार्वजनिक पथराव से लेकर फांसी या सूली पर चढ़ाने तक की सजा हो सकती है। ये तानाशाह के मूड पर निर्भर करता है। कला, संस्कृति, फिल्में, संगीत सभी पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। अगर आप कुछ ऐसा करते हैं तो आपको जेल हो सकती है या मौत की सजा भी मिल सकती है। ये हैं शरिया के कुछ दुष्परिणाम…।"
किसान आंदोलन पर ग्रेटा और रिहाना के ट्वीट पर भड़की थीं कंगना
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगी कई सीमाओं पर पिछले कई महीनों से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। पॉप स्टार रिहाना, पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और मिया खलीफा ने इस प्रदर्शन का समर्थन किया था। कंगना ने तब ट्वीट कर इन तीनों को भारत के आंतरिक मामलों में न बोलने की बात कही थी।
Published By : Chandani sahu
पब्लिश्ड 19 August 2021 at 09:34 IST