अपडेटेड 8 November 2022 at 10:19 IST

Guru Nanak Jayanti 2022: आखिर आम इंसान से कैसे गुरु नानक बने संत, जानिए उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें

Guru Nanak Dev Jayanti 2022: गुरु नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक और पहले सिख गुरु थे। उनका जन्म वर्ष 1469 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था।

Follow :  
×

Share


Image: Shutterstock | Image: self

Guru Nanak Dev Jayanti 2022: गुरु नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक और पहले सिख गुरु थे। उनका जन्म वर्ष 1469 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था। इसलिए हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Dev Jayanti ) पूरे विश्व में मनाई जाती है। इस साल गुरु नानक देव जी की जयंती 8 नवंबर को मनाई जाएगी। यह जन्मदिन सिख धर्म के अनुयायियों के लिए बेहद खास है। इसे प्रकाश उत्सव या गुरु पर्व भी कहा जाता है।

गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Dev Jayanti ) का उत्सव पूर्णिमा या पूर्णिमा के दिन से दो दिन पहले शुरू होता है। इसमें अखंड पाठ, नगर कीर्तन आदि जैसे अनुष्ठान शामिल हैं। गुरु नानक जयंती के दिन देश भर के गुरुद्वारों को सजाया जाता है, जिसके लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु माथा टेकते हैं।

जानिए कौन हैं गुरु नानक जी, इनको क्यों मिली पहले गुरु की पदवी?

सिख धर्म के संस्थापक गुरु गुरुनानक देव जी एक समाज सुधारक थे। उनका जन्म पाकिस्तान में हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि गुरु नानक जी का पूरा जीवन लोगों के बीच धर्म से जुड़ी जानकारी देने में बीता था। लोग गुरुनानक जी को धीरे-धीरे संत, धर्म गुरु और गुरुनानक देव जी जैसे नामों से बुलाने लगे। सिख धर्म के संस्थापक ने अपना पूरा जीवन भ्रमण में बिताया। वह पाकिस्तान से लेकर अफगानिस्तान, फारस और अरब जैसे कई देशों में गए।

इसे भी पढ़ें : Chandra Grahan 2022 Timing: भारत में आज दिखेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, कब से शुरू होगा सूतक? बरते यें सावधानियां

'ੴ' क्या है इस शब्द का अर्थ

गुरु नानक जयंती को 'गुरुपुरब', 'गुरु नानक देव प्रकाश पूरब' या 'गुरु नानक आगमन दिवस' के नाम से भी जाना जाता है। ये सिख धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक होता है। 1469 में पाकिस्तान के तलवंडी में जन्मे श्री गुरु नानक देव जी ने 'ੴ' का संदेश फैलाया, जिसका अर्थ है 'एक ईश्वर' जो अपनी हर रचना में निवास करता है और शाश्वत सत्य का गठन करता है।

'ੴ' मूल मंत्र का पहला शब्द है और सिख धर्म का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। मूल मंत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रारंभिक पाठ है, जिसमें सिख गुरुओं की रचनाएं और छंद शामिल हैं। श्री गुरु नानक देव जी द्वारा दिया गया मूल मंत्र है: "इखी, सतनाम, कर्ता पुरख, निर्भाऊ, निर्वैर, अकाल मूर्ति, अजुनी साईं भाम, गुरु प्रसाद।"

प्रकाश उत्सव का महत्व (Guru Nanak Dev Jayanti )

प्रकाश उत्सव कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन पड़ता है। कार्तिक पूर्णिमा वर्ष की पवित्र पूर्णिमाओं में से एक है। इस दिन किए गए पुण्य कार्य विशेष फलदायी होते हैं। इस दिन दीपदान करना बहुत शुभ माना जाता है।

इसे भी पढ़ें : Pakistan में बने 'विस्फोटक' हालात! इमरान खान ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, गृह मंत्री पर लगाए ये बड़े आरोप

Published By : Priya Gandhi

पब्लिश्ड 8 November 2022 at 10:19 IST