अपडेटेड 4 December 2025 at 20:10 IST
Putin India Visit: बदलती दुनिया और अनिश्चितताओं के बीच भारत-रूस दोस्ती हर कसौटी पर खरी उतरी- पुतिन के दौरे पर बोले पीयूष गोयल
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज से भारत दौरे पर हैं। यूक्रेन में लड़ाई शुरू होने के बाद यह उनका पहला दौरा है। इस बीच एक कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत-रूस द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी में मौजूद अपार संभावनाओं को रेखांकित किया।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2 दिवसीय दौरे के लिए भारत पहुंच चुके हैं। पुतिन का स्वागत करने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एयरपोर्ट पर पहुंचें। अपनी यात्रा के दौरान पुतिन 23वें द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे। इसके अलावा, वो पीएम मोदी के साथ वन-टू-वन मीटिंग भी करेंगे।
एक तरफ व्लादिमीर पुतिन भारत पहुंच चुके हैं, तो दूसरी तरफ केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक कार्यक्रम में भारत-रूस के रिश्तों को उजागर करते हुए द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी में मौजूद अपार संभावनाओं को रेखांकित किया। पीयूष गोयल ने कहा 2014 में भारत और रूस ने 2025 तक 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य रखा है।
भारत-रूस के रिश्ते मजबूत
राजधानी दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा " भारत और रूस के रिश्ते काफी मजबूत है। पिछले कई सालों से दोनों देशों के बीच व्यापार का रास्ता खुला और दोनों ने एक दूसरे ने खुलकर व्यापार किया है। हमें रूस और भारत के बीच अधिक संतुलित बनाने की जरूरत है। दोनों देशों के पास देने के लिए बहुत कुछ है। हमारा मानना है कि रूस से बहुत कुछ लिया जा सकता है।"
भारत-रूस साझेदारी समय की कसौटी पर खरी
पीयूष गोयल के भारत और रूस के व्यापार को रेखांकित करते हुए कहा कि "भारत-रूस साझेदारी समय की कसौटी पर खरी उतरी है और यह "बदलती दुनिया की अनेक अनिश्चितताओं को झेलते हुए दशकों की अटूट एकजुटता का प्रमाण है। व्यापार के संबंध में गोयल ने कहा कि 2014 में भारत और रूस ने 2025 तक 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य रखा था।
व्यापार में विविधता लाने की जरूरत
भारत-रूस व्यापार को लेकर पीयूष गोयल ने व्यापार में विविधता लाने की जरूरत को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा "भारत और रूस को अपने व्यापार में अधिक विविधता और संतुलन लाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। भारतीयों के पास रूस को देने के लिए इतनी अधिक विविधता है कि इसकी कोई सीमा नहीं है।"
Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 4 December 2025 at 20:04 IST