अपडेटेड 19 March 2025 at 14:11 IST

नागपुर हिंसा का मास्टरमाइंड फहीम खान गिरफ्तार, 50-60 लोगों को लेकर पहुंचा था थाने, जहां से भड़की दंगे की आग

फहीम खान का नाम नागपुर पुलिस की तरफ से दंगे को लेकर दर्ज एफआईआर में आया, जिसमें बताया गया कि वो 50-60 लोगों को लेकर गणेशपेठ पुलिस थाना के पास पहुंचा था।

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नागपुर दंगे का आरोपी फहीम खान गिरफ्तार हुआ. | Image: R Bharat

Nagpur Riots Accused Arrest: 17 मार्च को नागपुर में हुई हिंसक घटना में तथाकथित मास्टरमाइंड फहीम खान गिरफ्तार कर लिया गया है। फहीम खान का नाम नागपुर पुलिस की तरफ से दंगे को लेकर दर्ज एफआईआर में आया, जिसमें बताया गया कि वो 50-60 लोगों को लेकर गणेशपेठ पुलिस थाना के पास पहुंचा था। फिलहाल फहीम खान के पकड़े जाने के बाद हिंसा मामले में गिरफ्तारी का आंकड़ा 51 पहुंच गया है।

हिंसा के बाद फहीम खान के कुछ वीडियो सामने आए थे। कथित तौर पर फहीम खान ने 17 मार्च को लोगों को बरगलाना और उन्हें एक जगह इकट्ठा किया था। फहीम खान ने कथित तौर पर पुलिस से तीखी बहस की थी और उसके बाद सड़क पर ही बैठ गया था। बाद में एक अफवाह ने शहर के अंदर दंगे की चिंगारी फूंक दी थी। फिलहाल पूरे मामले में फहीम खान को गिरफ्तार किया जा चुका है। सूत्र बता रहे हैं कि गिरफ्तारी के समय फहीम खान के पास से दो मोबाइल फोन पुलिस को मिले हैं, जिन्हें जांच के लिए भेज दिया गया है। 21 मार्च तक पुलिस को फहीम खान की कस्टडी मिल चुकी है और इन 3 दिनों में उससे लगातार पूछताछ की जानी है।

नागपुर हिंसा में अब तक 6 FIR दर्ज

पूरे घटनाक्रम में नागपुर पुलिस 6 एफआईआर दर्ज कर चुकी है। 1250 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। बताया जा रहा है कि इनमें से तकरीबन 100 लोगों को पहचान लिया गया है। सोशल मीडिया से वीडियो के पोस्ट वायरल करने वाले लोगों की भी नागपुर पुलिस की साइबर यूनिट जांच रही है। मामले में 150 सीसीटीवी कैमरा का फुटेज की भी जांच की जा रही है।

किस बात को लेकर शुरू हुआ था नागपुर का विवाद?

17 मार्च को नागपुर में औरंगजेब की कब्र के विरोध हिंदू संगठन निकले थे। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का प्रोटेस्ट था, जिस बीच विशेष समुदाय के बीच एक अफवाह फैली और उसने विवाद को हिंसक रूप से दिया। एफआईआर के मुताबिक, भीड़ ने जान से मारने की नियत से भालदारपुरा चौक इलाके में पुलिस पर घातक हथियार और पत्थर से हमला किया। उन्होंने पुलिसकर्मियों को रोकने के लिए पेट्रोल बम तैयार किए और उन पर फेंके। उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को ये कहते हुए रोक दिया, 'तुम हिंदू समाज के पुलिस हो और तुमने जानबूझकर हमारे धर्म की चादर जलाने में मदद की।'

ऐसी झूठी अफवाहें फैलाकर और भद्दी-भद्दी गालियां देकर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया गया। पूरे घटनाक्रम में 3 डीसीपी स्तर के अधिकारियों समेत हिंसा में 33 पुलिसकर्मी भी घायल हुए। हैरान करने वाली बात ये है कि भीड़ ने अंधेरे का फायदा उठाकर महिला पुलिसकर्मी के साथ छेड़खानी करने की कोशिश की थी, जिसका जिक्र FIR में है।

यह भी पढे़ं: नागपुर में कहां से हुई दंगे की शुरुआत? एफआईआर में मास्टरमाइंड का भी खुलासा

Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 19 March 2025 at 13:54 IST