अपडेटेड 10 December 2024 at 22:01 IST

Mumbai Accident: नौकरी का पहला दिन, आफरीन की आखिरी कॉल; पिता की ऑटो लेने की सलाह और मौत की मनहूस खबर

Mumbai Accident: मुंबई के कुर्ला में हुए सड़क हादसे में 20 साल की आफरीन की भी हुई मौत। मौत से पहले आखिरी फोन कॉल पर पिता से की थी बात।

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मुंबई बस हादसे में 20 साल की आफरीन की भी मौत। | Image: Republic

Mumbai Accident: मुंबई के कुर्ला में 9 दिसंबर की रात को दिल को दहला देने वाली सड़क दुर्घटना घटी। इस हादसे में करीब 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि 43 लोग घायल हुए। मुतकों में एक 20 साल की आफरीन शाह का नाम भी शामिल है। आफरीन शाह की मौत ने उसके परिवार को झकझोर कर रख दिया है। आफरीन के परिवार का दर्द सुनकर आपके आंखों से भी आंसू छलक उठेंगे।

कुर्ला में उस रात एसजी बारवे रोड पर BEST बस ने जिन 6 लोगों को रौंदा, आफरीन उनमें से एक थी। आंखों में सपना सजाए खुशी से खिलखिलाती आफरीन सुबह अपने माता-पिता की ढेर सारी दुआएं लेकर पहली नौकरी पर जाने के लिए निकली थी। महज 20 साल की आफरीन का उसके जीवन की पहली नौकरी का पहला दिन था, लेकिन किसी को नहीं पता था कि उसके घर से निकला ये कदम उसके जीवन का आखिरी कदम होगा। आफरीन नौकरी करने घर से बाहर कदम रखती है, अपने दफ्तर पहुंचती है, और जॉब का पहला दिन पूरा कर वापस अपने घर लौटने के लिए निकलती है।

मौत का वो हाइवे...जिसने छीन ली आफरीन की सांसे

सड़क पर ऑटो का इंतजार करती आफरीन अपने पिता से एक आखिरी बार बात करती है। दोनों में से किसी को नहीं पता होता है कि पिता और बेटी के बीच ये फोन कॉल उनकी आखिरी बातचीत होगी। आफरीन घर वापस लौटने के लिए ऑटो ढूंढ़ रही होती है। उसे नहीं पता था कि अब वो कभी वापस अपने घर नहीं लौट सकेगी। ऑटो का इंतजार करते हुए वह अपने पिता को फोन करती है। आफरीन के पिता उसे हाइवे की ओर जाकर ऑटो ढूंढ़ने की सलाह देते हैं।

हाईवे का वो रास्ता आफरीन के लिए एक काल की तरह होता है, जो उसे अपने अंदर समा लेता है। 9 बजे आफरीन की उसके पिता से बात हुई थी। आफरीन की मां और उसके पिता घर पर उसके लौटने का इंतजार कर रहे थे। आफरीन तो घर नहीं लौटती है, लेकिन 9 बजकर 54 मिनट पर उसके नंबर से एक फोन कॉल आता है। उस फोन कॉल में एक ऐसा संदेश होता है, जिसे सुनने के बाद आफरीनके माता-पिता की पूरी दुनिया उजड़ जाती है।

'अब मैं अपनी बेटी को कभी वापस नहीं पा सकूंगा...'

आफरीन के पिता बताते हैं कि रात 9 बजकर 54 मिनट पर उसके फोन से भाभा अस्पताल के एक स्टाफ सदस्य का कॉल आता है, और मौत की सूचना मिलती है। एक पिता के लिए उसकी 20 साल की बेटी की मौत की खबर सुनने से बुरा और क्या होगा! मीडिया से बातचीत के दौरान आफरीन के पिता ने कहा, "यह काम पर उसका पहला दिन था और अब मैं अपनी बेटी को कभी वापस नहीं पा सकूंगा।"

इन शब्दों में कितना दर्द छिपा है, ये शायद एक बेटी को और किसी बेटी के पिता को समझ आ सकता है। हर बेटियों के लिए वो पिता उसका हीरो होता है, जिसने उससे सपने देखने और उसे पूरा करने का हक नहीं छीना, जिसने उसे उड़ने के लिए पूरा आसमान दिया, जिसने समाज की डर से उसे पिंजरे में कैद नहीं किया। आज आफरीन जिंदा होतीं तो अपने पिता के लिए उनके भी यही शब्द होते।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 10 December 2024 at 22:01 IST