अपडेटेड 8 September 2021 at 19:10 IST

मोदी सरकार ने दिया किसानों को बड़ा तोहफा, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रबी फसलों की MSP में बढ़ोतरी की दी मंजूरी

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (Cabinet Committee on Economic Affairs) ने मार्केटिंग सीजन 2022-23 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की है।

Follow :  
×

Share


IMAGE: PTI | Image: self

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (Cabinet Committee on Economic Affairs) ने मार्केटिंग सीजन 2022-23 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में इस सीसीईए समिति ने गन्ने के लिए अब तक के सबसे अधिक लाभकारी मूल्य ₹290/क्विंटल को भी मंजूरी दी। इन बढ़े हुए एमएसपी (MSP) का उद्देश्य फसल विविधीकरण (diversification ) को बढ़ावा देना है।

विशेष रूप से केंद्र द्वारा प्रायोजित एक अन्य योजना - खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन-तेल पाम (एनएमईओ-ओपी), खाद्य तेलों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और आयात निर्भरता को कम करने में मदद करेगी। ये बदलाव पीएम मोदी के ''प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान'' (पीएम-आशा) योजना (2018) के तहत किए गए थे। इस छत्र योजना में तीन उप-योजनाएं मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य कमी भुगतान योजना (पीडीपीएस) और निजी खरीद और प्रोक्योरमेंट एंड स्टॉकिस्ट स्कीम (पीपीएसएस) शामिल हैं।  

रबी के एमएसपी में बढ़ोतरी से किसानों को होगा फायदा

पीएम मोदी सरकार (PM Modi government) की अध्यक्षता में सीसीईए ने वर्ष 2022-23 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। रबी फसलों के लिए एमएसपी में बढोत्तरीय केंद्रीय बजट 2018-19 के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत के कम से कम 1.5 गुना के लेवल पर तय करने की घोषणा की गई है। यह योजना किसानों के लिए उचित  पारिश्रमिक के उद्देश्य से है और किसानों को उनकी उत्पादन लागत से लाभ की उम्मीद है। 

गेहूं, रेपसीड और सरसों (100प्रतिशत) के मामले में ये सबसे अधिक होने का अनुमान है, इसके बाद दाल (79 प्रतिशत) चना (74 प्रतिशत), जौ (60 प्रतिशत)और कुसुम (50 प्रतिशत) का स्थान है। सीसीईए द्वारा यह बदलाव तिलहन, दलहन और मोटे अनाज के पक्ष में एमएसपी को फिर से संगठित करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में किए गए केंद्रित प्रयासों के बाद आया है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करना और मांग-आपूर्ति संतुलन को और बेहतर बनाने के लिए सर्वोत्तम तकनीकों और कृषि पद्धतियों को अपनाना है। 

इसे भी पढ़ें- कांग्रेस में अंदरूनी कलह: जयपुर जिला प्रमुख चुनाव में क्रॉस वोटिंग; मंत्री ने इशारों-इशारों पायलट गुट पर साधा निशाना

NMEP-OP किसानों के लिए सहायता और रोजगार का स्वागत करेगा

NMEP-OP हाल ही में सरकार द्वारा शुरू की गई एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इस योजना से खाद्य तेल का घरेलू उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। इस योजना के लिए घोषित कुल बजट लगभग ₹ 11,040 करोड़ अनुमानित है। यह न केवल कृषि क्षेत्र के क्षेत्र और उत्पादकता के विस्तार में सहायता करेगा बल्कि किसानों को उनकी आय का विकास करके उन्हें लाभ पहुंचाएगा और रोजगार के अवसर भी खोलेगा।

इसे भी पढ़ें- BJP ने किया वादा-2023 में विधानसभा चुनाव जीते तो तेलंगाना में लाएंगे जनसंख्या नियंत्रण अधिनियम

Published By : Chandani sahu

पब्लिश्ड 8 September 2021 at 19:10 IST