अपडेटेड 20 December 2024 at 21:47 IST
नए साल से पहले किसानों को मोदी सरकार का तोहफा, कोपरा MSP में बढ़ोतरी का ऐलान;5 राज्यों को मिलेगा लाभ
Copra MSP : केंद्र सरकार के कोपरा MSP बढ़ाने के फैसले का लाभ 5 राज्यों के किसानों को मिलेगा। इससे कुल वित्तीय बोझ 855 करोड़ रुपये का आयेगा।
Cabinet Meeting: नए साल से पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने दक्षिण भारत के किसानों को बड़ी सौगात दी है। शुक्रवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार ने 855 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ 2025 सत्र के लिए खोपरा (नारियल गरी) के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने का फैसला किया है। कैबिनेट बैठक में कोपरा पर 2025 प्राइस पॉलिसी को मंजूरी मिल गई है।
केंद्र सरकार के इस फैसले का लाभ 5 राज्यों के किसानों को मिलेगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मोदी सरकार ने कोपरा के लिए प्राइस पॉलिसी 2025 का ऐलान कर दिया है। कोपरा की कीमत में पिछले साल के मुकाबले 422 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। मिलिंग कोपरा की MSP बढ़ाकर 11,582 रुपये प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा की MSP बढ़ाकर 12,100 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई है। बॉल खोपरा की MSP में 100 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
राज्य सरकारों की होगी बड़ी भूमिका
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर तय किया गया समर्थन मूल्य मिलिंग और बॉल खोपरा किस्मों की उचित और औसत गुणवत्ता के लिए है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि MSP उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक तय किया गया है। इससे कुल वित्तीय बोझ 855 करोड़ रुपये का आयेगा। मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत खोपरा और छिलका रहित नारियल की खरीद के लिए राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) केंद्रीय नोडल एजेंसियां होंगी। इसके अलावा राज्य सरकारों की इसमें बड़ी भूमिका होगी, इसलिए यह खरीद राज्य सरकार के निगमों के सहयोग से की जाएगी।
उत्पादन में किस राज्य की कितनी हिस्सेदारी?
देश के कुल उत्पादन में 32.7 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ कर्नाटक में खोपरा का उत्पादन सबसे अधिक है, इसके बाद तमिलनाडु 25.7 प्रतिशत, केरल 25.4 प्रतिशत और आंध्र प्रदेश 7.7 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, 'ऊंचा एमएसपी न केवल नारियल उत्पादकों को बेहतर पारिश्रमिक सुनिश्चित करेगा बल्कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नारियल उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए किसानों को खोपरा उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।' भारत में खोपरा का मौसम आमतौर पर जनवरी के आसपास शुरू होता है और अप्रैल तक चलता है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 20 December 2024 at 21:47 IST