अपडेटेड 6 May 2024 at 16:24 IST

बहन को लाल जोड़े में किया विदा, 5 साल के बेटे को बर्थडे पर आने का वादा... शहीद विक्की की भावुक कहानी

भारतीय वायु सेना के कॉर्पोरल विक्की पहाड़े 15 दिन पहले अपनी बहन की शादी में शिरकत करने के बाद जम्मू-कश्मीर में अपनी यूनिट में शामिल होने के लिए घर से निकले थे।

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शहीद विक्की पहाड़े | Image: PTI/ANI

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में बीते दिनों हुए आतंकी हमले में भारतीय वायु सेना का जवान विक्की पहाड़े शहीद हो गए थे। सोमवार को उनका पार्थिव शरीर मध्य प्रदेश का छिंदवाड़ा पहुंचा तो उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। परिवार के सदस्यों के साथ-साथ पूरा छिंदवाडा शहीद को सलामी देने पहुंचा।  शहीद को श्रद्धांजलि देने के राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी पहुंचे। जवान अपने अंतिम यात्रा पर था तो लोगों का हुजूम विक्की पहाड़े अमर रहे का नारा लगा रहा था।

शहीद का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव नोनिया करबल में होगा। भारतीय वायु सेना के कॉर्पोरल विक्की पहाड़े 15 दिन पहले अपनी बहन की शादी में शिरकत करने के बाद जम्मू-कश्मीर में अपनी यूनिट में शामिल होने के लिए घर से निकले थे, तो शायद ही किसी ने कल्पना की होगी कि ये उनकी अंतिम यात्रा सबित होगी। वो घर तो लौटे पर मगर खुद के पैरे पर चलकर नहीं बल्कि तिरंगे में लिपटे हुए।

बहन को लाल जोड़े में शहीद ने किया था विदा

33 साल के पहाड़े उन पांच जवानों में शामिल थे, जो शनिवार शाम पुंछ जिले के शाहसितार के पास भारतीय वायुसेना के काफिले पर आतंकवादियों के हमले में घायल हो गए थे। विक्की पहाड़े को घायल अवस्था में सेना के अस्पताल लाया गया मगर उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। पहाड़े छोटी बहन की शादी में शामिल होने के बाद 18 अप्रैल को ही अपनी यूनिट में लौटे थे।  घर वालों से बेटे के जन्मदिन पर आने का वादा किया था।

शहीद ने बेटे के जन्मदिन पर घर आने का किया था वादा

घरवालों ने बताया कि विक्की कह के गया था कि अपने 5 साल के बेटे हार्दिक के जन्मदिन पर घर आएगा। इस बार बेटे का जन्मदिम धूमधाम से मनाने की बात शहीद जवान ने की थी। मगर उससे पहले जब जवान का पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो चीख-पुकार से कोहराम मच गया। मां अपने बेटे के लिए कलेजा फाड़ कर रो रही है तो पत्नी के आंसू आखों से रूक नहीं रहे हैं।

तीन बहनों का एकलौता भाई था विक्की 

पहाड़े 2011 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुए थे। विक्की तीन बहनों का एकलौता भाई था। वो अपने पीछे पत्नी रीना और 5 साल के बेटे हार्दिक को छोड़ गए। वो अपने पीछे पत्नी रीना और 5 साल के बेटे हार्दिक को छोड़ गए। राज्य सरकार की ओर से शहीद के परिवार को एक करोड़ रुपए देने की घोषणा की गई है। सीएम मोहन यादव सभी चुनावी कार्यक्रम रद्द कर शहीद को श्रद्धांजलि देने छिंदवाडा पहुंचे। उन्होंने कहा की शहीद की शहादत को हम ऐसे नहीं जाने देंगे। आतंकियों की ये कायराना हरकत थी जिसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 6 May 2024 at 16:01 IST