अपडेटेड 15 July 2025 at 07:29 IST
दौड़ती दुनिया को सबसे उम्रदराज मैराथन रनर फौजा सिंह ने कहा अलविदा, 89 साल की उम्र में शुरू की थी मैराथन में दौड़
Fauja Singh Death: पंजाब के दिग्गज मैराथन धावक फौजा सिंह का सोमवार शाम को एक रोड एक्सीडेंट में निधन हो गया। वो 114 साल के थे।
Fauja Singh Death: पंजाब के दिग्गज मैराथन धावक फौजा सिंह का सोमवार यानि 14 जुलाई को जालंधर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। सामने आई जानकारी की माने तो, 114 साल के फौजा दोपहर करीब साढ़े तीन बजे अपने गांव ब्यास में सड़क पार कर रहे थे, तभी एक अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने भी सोशल मीडिया के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
फौजा सिंह दुनिया के सबसे उम्रदराज मैराथन धावक थे। फौजा ब्रिटेन में रहते थे और इंटरनेशनल लेवल पर वेटरन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर कई रिकॉर्ड बना चुके थे। उन्होंने मैराथन दौड़ने का अपना ये सफर 2000 में शुरू किया था और आठ दौड़ों में हिस्सा लिया था।
मैराथन धावक फौजा सिंह का 114 की उम्र में निधन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनिया भर में "टर्बन्ड टॉरनेडो" के नाम से मशहूर मैराथन धावक फौजा सिंह की मौत दोपहर लगभग 3:30 बजे उस समय हुई जब वो सड़क पार कर रहे थे। ये हादसा जालंधर-पठानकोट हाईवे पर हुआ जहां एक अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। उन्हें जालंधर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां शाम को उन्होंने दम तोड़ दिया।
उनके आकस्मिक निधन से पूरे देश और दुनिया भर के फिटनेस समुदायों में शोक की लहर दौड़ गई है। सिंह की जीवनी "टर्बन्ड टॉरनेडो" लिखने वाले चंडीगढ़ के लेखक खुशवंत सिंह ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त करते हुए एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, "मेरा टर्बन्ड टॉरनेडो अब नहीं रहा।" इसके साथ ही उन्होंने एक वीडियो भी पोस्ट किया।
पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने भी एक्स हैंडल पर दुख जताते हुए लिखा- “महान मैराथन धावक और दृढ़ता के प्रतीक सरदार फौजा सिंह जी के निधन से बहुत दुःखी हूं। वो 114 की उम्र में काफी उत्साह के साथ 'नशा मुक्त - रंगला पंजाब' मार्च में मेरे साथ शामिल हुए थे। उनकी विरासत नशा मुक्त पंजाब के लिए प्रेरणा बनी रहेगी। ॐ शांति ॐ।”
89 साल की उम्र में शुरू की मैराथन में दौड़
1 अप्रैल 1911 को जन्मे फौजा सिंह कथित तौर पर पांच साल की उम्र तक चल भी नहीं पाते थे। फिर दुर्घटनाओं और व्यक्तिगत त्रासदियों में अपने परिवार के कई सदस्यों को खोने के बाद, सिंह ने डिप्रेशन से जूझते हुए दौड़ना शुरू कर दिया। फौजा सिंह 1990 के दशक में अपने एक बेटे के साथ रहने के लिए ब्रिटेन चले गए। फिर 89 साल की उम्र में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय आयु-वर्ग मैराथन में भाग लेना शुरू किया।
Published By : Sakshi Bansal
पब्लिश्ड 15 July 2025 at 07:29 IST