अपडेटेड 24 October 2025 at 23:13 IST
फर्जी पोस्टमार्टम का प्रेशर, 5 महीने में कई बार रेप और हथेली पर लिखी हैवानियत की कहानी...लेडी डॉक्टर के सुसाइड से मचा हड़कंप
महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक दुखद और संवेदनशील घटना सामने आई है। यहां एक 28 वर्षीय महिला डॉक्टर, जो फालतन के सरकारी अस्पताल में कार्यरत थी, ने आत्महत्या कर ली।
महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक दुखद और संवेदनशील घटना सामने आई है। यहां एक 28 वर्षीय महिला डॉक्टर, जो फालतन के सरकारी अस्पताल में कार्यरत थी, ने आत्महत्या कर ली। महिला ने अपने हाथ की हथेली पर एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने दो लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पहला नाम है पुलिसकर्मी गोपाल बडाने का, जिस पर डॉक्टर ने पिछले पांच महीनों से लगातार बलात्कार और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। दूसरा नाम प्रशांत बंकर का है, जो उस मकान मालिक का बेटा है, जहां वह रह रही थी। मृतक डॉक्टर ने इस व्यक्ति पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
घटना के बाद पुलिस ने मृतका का पोस्टमार्टम कराया और हथेली पर लिखे नोट की फॉरेंसिक जांच शुरू की। आरोपी पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है, जबकि दोनों आरोपियों को पकड़ने की कार्रवाई जारी है। स्थानीय पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दोनों के खिलाफ बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले दर्ज कर लिए गए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना की गंभीरता को समझते हुए संबंधित अधिकारियों को तुरंत निलंबित करने का आदेश दिया है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है।
गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करने का बनाते थे दबाव
पीड़िता के परिवार ने पुलिस और राजनीतिक दबाव की बात कहते हुए बताया कि उन्हें गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है और आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहा है। मृतका के एक रिश्तेदार ने बताया कि वह बहुत उज्जवल और महत्वाकांक्षी थी, लेकिन कार्यस्थल पर हो रहे उत्पीड़न के कारण मानसिक तनाव में थी, जिसके चलते उसने आत्महत्या को चुना।
महिला डॉक्टर ने आत्महत्या से दो दिन पहले ही वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी शिकायत दी थी। महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पुलिस को आरोपियों को खोजने और मामले की गंभीर जांच करने के निर्देश दिए हैं। आयोग की अध्यक्ष रुपाली चकंर ने मामले की व्यापक जांच की मांग की है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री मेघना बोरडिकर ने बताया कि सतारा सिविल सर्जन से बात करने पर पता चला कि महिला ने पहले कोई शिकायत नहीं की थी।
राज्य की विपक्षी पार्टियां इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साध रही हैं। कांग्रेस के नेता ने कहा कि जब पुलिसकर्मी खुद अपराधी बन जाएं तो न्याय कैसे मिलेगा। शिवसेना (यूबीटी) ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। तृणमूल कांग्रेस ने भी महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करते हुए मामले को गंभीरता से न लेने का आरोप लगाया है। पुलिस की ओर से कहा गया है कि मामले की पूरी पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की जाएगी, ताकि घटनाओं की सच्चाई सामने आ सके। दोनों आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है और उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। न्याय सुनिश्चित करने के लिए सभी कड़े कदम उठाए जाएंगे।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 24 October 2025 at 23:13 IST