अपडेटेड 11 January 2024 at 07:30 IST
एकनाथ शिंदे को हटाने का अधिकार उद्धव ठाकरे को नहीं, विधायकों की अयोग्यता मामले पर स्पीकर का फैसला
महाराष्ट्र में शिंदे बनाम उद्धव गुट के लिए आज एक निर्णायक दिन रहा। शिंदे गुट के 16 विधायकों को लेकर विधान सभा स्पीकर ने फैसला सुना दिया है।- Republic Bharat
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता के मामले में आज फैसला आ चुका है। सीएम एकनाथ शिंदे के गुट के 16 विधायकों की योग्यता के मामले में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अपना फैसला सुना दिया है। बता दें, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने विधान सभा अध्यक्ष नार्वेकर से 10 जनवरी तक फैसला सुनाने के लिए कहा था।
खबर में आगे पढ़ें:
- शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला
- महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने सुना दिया फैसला
- जानें क्या है पूरा मामला
महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिंदे गुट के हक में फैसला सुना दिया है। इससे एक बात तो साफ जाहिर है कि यहां शिंदे सरकार बनी रहेगी। हालांकि, अगर शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया जाता तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से एकनाथ शिंदे को इस्तीफा देना पड़ता और वो दोबारा शपथ नहीं ले सकते थे। चूंकि NCP के अजित पवार गुट के पास विधायकों के पास बहुमत है, इसलिए महायुति की सरकार सत्ता में आती। हालांकि, स्पीकर नार्वेकर के फैसले के बाद ऐसा कुछ अब नहीं होने जा रहा है।
विधायकों की अयोग्यता के मामले में अपना फैसला सुनाते हुए महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि, 'एकनाथ शिंदे को हटाने की ताकत उद्धव ठाकरे के पास नहीं थी। शिवसेना प्रमुख के पास पार्टी के किसी भी नेता को हटाने का अधिकार नहीं है। एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटाया जाना स्वीकार नहीं किया जा सकता।'
मैच फिक्सिंग का लगाया आरोप
महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर के फैसले से पहले उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "हमारा कहना है कि इस राज्य के मुख्यमंत्री गैरकानूनी तरीके से सत्ता में बैठे हैं। वे हमारे हिसाब से एक अपराधी हैं। आज फैसला है और देश के प्रधानमंत्री 12 जनवरी को महाराष्ट्र आ रहे हैं इसका मतलब क्या है? अगर आपको पता है कि आज फैसला आने वाला है, संविधान कहता है कि ये सरकार गैरकानूनी है, संविधान के हिसाब से फैसला हो तो सरकार गैरकानूनी हो सकती है और सरकार बर्खास्त हो सकती है फिर भी पीएम यहां आ रहे हैं इसका मतलब पीएम को फैसले के बारे में जानकारी है।"
मैच फिक्सिंग का दावा करते हुए संजय राउत ने कहा, “विधानसभा स्पीकर का एक प्रोटोकॉल होता है। अगर विधानसभा स्पीकर एक पीठासीन पद पर बैठे हैं तो अपनी कुर्सी छोड़कर जो आरोपी है जिनपर हमने याचिका दायर की है उनसे जाकर मुलाकात नहीं सकते। फिर वे कहते हैं कि वे फैसला देंगे, यह कौनसा फैसला है यह मैच फिक्सिंग है। PM मोदी महाराष्ट्र आने वाले हैं, क्या उन्हें पता नहीं है कि फैसला आने वाला है। दिल्ली से लेकर यहां तक इस मामले में मैच फिक्सिंग हो रही है।”
क्या है मामला?
महाराष्ट्र में साल जून 2022 में बड़ा उलटफेर देखने को मिला था। एकनाथ शिंदे ने शिवसेना और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से बगावत कर दी थी। उस दौरान शिंदे को 16 विधायकों का समर्थन मिला था। इस संख्या के आधार पर शिंदे के पास बगावत करने वाले सदस्यों की संख्या दो तिहाई नहीं थी। ऐसे में बगावत करने वाले विधायकों पर सदस्यता पर अयोग्यता की तलवार लटकी थी। इन विधायकों को नोटिस मिला तो शिंदे गुट के बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसपर विधानसभा स्पीकर को फैसला देने का अधिकार है। अब उसी पर आज फैसला आना है।
इसमें एक बात और... बगावत के बाद विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे ने बीजेपी (BJP) के साथ मिलकर सरकार बना ली और खुद सीएम बन गए। इस बीच, शिंदे गुट के विधायकों की संख्या 40 हो गई। जिसके बाद शिंदे गुट की संख्या के आधार पर चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना माना और चुनाव चिह्न 'धनुष वाण' देने का फैसला किया था।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 10 January 2024 at 18:24 IST