अपडेटेड 6 October 2021 at 12:13 IST

Mahalaya 2021:क्या है महालया? जानिए इसका महत्व, पौराणिक कथा और पूजा का सही समय

हर साल कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन अमावस्या को महालय मनाया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार इस दिन देवी दुर्गा बुराई का नाश करने के लिए धरती पर आती हैं।

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Image: PTI | Image: self

हर साल, कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन,अमावस्या को महालय मनाया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार इस दिन देवी दुर्गा बुराई का नाश करने के लिए धरती पर आती हैं।  इस त्यौहार को मनाने के लिए पश्चिम बंगाल में 10 दिन के दुर्गा पूजा उत्सव का आयोजन किया जाता है। 

महालय 2021 की तिथि और समय 

इस वर्ष महालय पितृपक्ष की अंतिम तिथि 6 अक्टूबर को मनाया जाएगा। महालय 2021 की तिथि 5 अक्टूबर 2021 को शाम 7.04 बजे शुरू हो चुकी है और 6 अक्टूबर 2021 को शाम 4.34 बजे समाप्त होगी।

महालय के दिन क्या किया जाता है ?

पितृपक्ष के अंतिम दिन मृतक के परिवार के सदस्य तर्पण करते हैं। यह एक ऐसा अनुष्ठान है जिसमें पूर्वजों को प्रसाद दिया जाता है। गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में डुबकी लगाने के बाद ही तर्पण किया जाता है। पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए महालय का बहुत महत्व है। देवी दुर्गा का धरती पर स्वागत करने के लिए लोग सुबह जल्दी उठ जाते हैं और अपने घरों में ही सभी जरूरी तैयारियां कर लेते हैं।  

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महालय का महत्व 

यह दिन न केवल पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है, बल्कि इसे सत्य, साहस के विजय के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन को अच्छाई पर बुराई की जीत हासिल करने के लिए भी मनाया जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भैंस दानव, महिषासुर, को भगवान ब्रह्मा द्वारा अजेयता का वरदान दिया गया था, जिसका अर्थ है कि कोई भी मनुष्य या भगवान उसे मार नहीं सकता है। लेकिन, महिषासुर ने वरदान का दुरुपयोग किया और ब्रह्मांड में तबाही मचाना शुरू कर दिया। इस विनाश को समाप्त करने के लिए सभी देवताओं ने भगवान विष्णु के साथ आदि शक्ति की आराधना की। इस दौरान सभी देवताओं के शरीर से एक दिव्य रोशनी निकली जिसने देवी दुर्गा का रूप धारण कर लिया। इसके बाद दोनों का युद्ध चला और दशमी के दिन देवी दुर्गा ने राक्षस  का अंत कर दिया।  इसलिए, इस दिन को विजया दशमी के रूप में मनाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

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Published By : Chandani sahu

पब्लिश्ड 6 October 2021 at 12:13 IST