अपडेटेड 12 September 2024 at 22:28 IST
MP News: दतिया में गिरी 400 साल पुराने किले की दीवार, मलबे में दबने से 7 लोगों की मौत
किले की दीवार गिरने से उससे सटे घर में रहने वाले 9 लोग मलबे में दब गए। दतिया के DM संदीप माकिन ने बताया कि 2 लोगों को बचा लिया गया और 7 लोगों की मौत हो गई।
मध्यप्रदेश के दतिया शहर में भारी बारिश के कारण बृहस्पतिवार को एक घर से सटे 400 साल पुराने किले की दीवार गिरने से सात लोगों की मौत हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना तड़के करीब चार बजे खालकापुरा इलाके की है। दीवार के गिरने से उससे सटे घर में रहने वाले नौ लोग मलबे में दब गए। दतिया के जिलाधिकारी संदीप माकिन ने बताया कि दो लोगों को बचा लिया गया और सात लोगों की मौत हो गई।
स्थानीय निवासी ने बताया कि माना जाता है कि ‘राजगढ़’ नामक किला 400 साल पुराना है और कभी इसमें एक संग्रहालय हुआ करता था, जिसे बाद में कहीं और स्थानांतरित कर दिया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि राज्य आपदा आपातकालीन मोचन बल (एसडीईआरएफ) की टीम को बचाव अभियान के तहत छह घंटे से अधिक समय तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि घायल हुए दो लोगों का स्थानीय अस्पताल में उपचार किया जा रहा है।
सीएम ने किया मुआवजे का ऐलान
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर इस घटना को लेकर दुख प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पीड़ितों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि एसडीईआरएफ की टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई, लेकिन जिस जगह घर है, वहां गली संकरी होने के कारण काफी प्रयासों के बावजूद लोगों की जिंदगी नहीं बचाई जा सकी। जिलाधिकारी माकिन के अनुसार, मृतकों में से पांच एक ही परिवार के हैं, जबकि अन्य दो दूसरे परिवार के हैं।
मृतकों की पहचान निरंजन वंशकार (55), ममता वंशकार (45), शिवम (20), सूरज (17), राधा (23), किशन वंशकार (55) और प्रभा (50) के रूप में हुई है। दतिया से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भारती ने बचाव अभियान की सुस्त रफ्तार के लिए प्रशासन की आलोचना की और दावा किया कि प्रशासन ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार नहीं है।
उन्होंने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने की भी मांग की। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी घटनास्थल का दौरा किया और घटना पर दुख जताया। वह पीड़ितों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 12 September 2024 at 22:28 IST