अपडेटेड 17 July 2025 at 13:38 IST

MP: तिलक लगाने पर छात्रा को फटकार, प्रधानाचार्य ने स्कूल छोड़ने का सुनाया फरमान तो भड़के लोग, शिक्षा अधिकारी तक पहुंचा मामला

एमपी के एक स्कूल में छात्रा को माथे पर चंदन का तिलक लगाकर आने पर न सिर्फ फटकारा गया, बल्कि स्कूल छोड़ने तक को कह दिया गया।

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MP | Image: Republic

MP News: मध्य प्रदेश के कटनी जिले के ढीमरखेड़ा क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां मुरवारी स्थित शासकीय आर.के. गौतम हायर सेकेंडरी स्कूल में एक छात्रा को माथे पर चंदन का तिलक लगाकर आने पर न सिर्फ फटकारा गया, बल्कि स्कूल छोड़ने तक को कह दिया गया।

छात्रा और उसके परिजनों ने तिलक को लेकर की गई टिप्पणी का आरोप स्कूल के प्रधानाचार्य रतन भलावे पर लगाया है। उनके मुताबिक,  प्रधानाचार्य रतन भलावे का कथित बयान न सिर्फ असंवेदनशील था, बल्कि धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाने वाला था।

प्राचार्य के रवैये पर परिजनों ने उठाए सवाल

छात्रा के बताया कि रोज की तरह वह स्कूल पहुंची थी। माथे पर उसने चंदन का तिलक लगाया हुआ था। कुछ समय बाद प्रधानाचार्य की नजर उस पर पड़ी और उन्होंने उसे ऑफिस में बुला लिया। प्रधानाचार्य ने कथिततौर पर छात्रा से कहा कि यह कोई मंदिर या आश्रम नहीं है कि तिलक लगाकर आओ। इसके बाद छात्रा को तिलक हटाने के लिए मजबूर किया गया। 

'टीसी ले लो और…'

छात्रा का दावा है कि प्रधानाचार्य ने उससे कहा कि कल अपने माता-पिता को लेकर आओ, टीसी ले लो और किसी आश्रम में दाखिला ले लो। तुम्हारे न आने से स्कूल को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इस व्यवहार से छात्रा का मानसिक रूप से टूट गई और रोते हुए घर लौटी। बच्ची को रोते-बिलखते देख उसने परिजनों को पूरी घटना के बारे में बताया। वहीं परिजनों ने इस घटना को आस्था पर हमला करार दिया।

जिला शिक्षा अधिकारी का आया बयान

इस पर कटनी के जिला शिक्षा अधिकारी पृथ्वी पाल का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, ‘पूरा मामले एक वीडियो के माध्यम से मेरे संज्ञान में आया है। उसमें प्राचार्य द्वारा छात्रा को टीका लगाने पर कुछ कहा गया है। छात्रा के परिजनों को भी बुलाया गया है। मैंने वहां के शिक्षा अधिकारी लखन बांगरी को फोन पर निर्देशित किया है। प्रकरण के अनुसार प्रचार्य से घटना से जुड़ी जानकारी लें और आगे की कार्रवाई करें।’

घटना के बाद लोगों में आक्रोश

घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है। उनका कहना है कि संविधान हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है और स्कूल में भी इस प्रकार की रोक या भेदभाव को स्वीकार नहीं किया जा सकता। अब पूरा मामला गहराता जा रहा है। 

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 17 July 2025 at 13:38 IST